समाज को सच दिखाती है छूटी हुई दुल्हन की कहानी 'खोज', शानदार है कॉन्सेप्ट

By मेघना वर्मा | Published: January 17, 2019 11:24 AM2019-01-17T11:24:47+5:302019-01-17T11:24:47+5:30

जिन लड़कियों की शादी एनआरआई से होती है उस लड़के के परिवार की ना तो प्रॉपर जानकारी दी जाती है ना हमारा समाज ऐसा करना जरूरी समझता है।

Short movie Khoj review release on ZEE 5 on this Lohri | समाज को सच दिखाती है छूटी हुई दुल्हन की कहानी 'खोज', शानदार है कॉन्सेप्ट

समाज को सच दिखाती है छूटी हुई दुल्हन की कहानी 'खोज', शानदार है कॉन्सेप्ट

हमारे देश में लड़कियों की शादी को किसी उत्सव की तरह मनाया जाता है। पूरे रस्मों-रिवाज के साथ उसे घर से ससुराल विदा किया जाता है मगर सोचिए शादी के तीन महीने बाद ही लड़की का पति बिना कुछ बताए अपनी नई नवेली दुल्हन को छोड़ जाए तो? ऐसी ही दिल छू जाने वाली कहानी है खोज। ZEE 5 ऐप पर रिलीज हुई शॉर्ट फिल्म में छूटी हुई दुल्हन की कहानी से समाज की सच्चाई को बयां किया गया है। एनआरआई लड़कों से शादी करने के बाद ज्यादातर केसेज ऐसे देखें गए हैं कि वह अपनी नई नवेली दुल्हन को छोड़ वापिस परदेस चले जाते हैं।

इस फिल्म की कहानी भी एक ऐसी ही लड़की की है। जिसकी शादी एनआरआई से होती है मगर बिना बताए वह अपनी दुल्हन को छोड़ जाता है। परिवार वालों से लड़कर जब लड़की अपने पति को ढूंढने जाती है तो उसके पांव तले जमीन खिसक जाती है। दहेज और पैसों के लिए की गई शादी का अंजाम आपका दिल छू जाएगा। लोहरी पर रिलीज हुई इस फिल्म में निकाह मूवी फेम सलमा आगा कि बेटी जारा खान लीड किरदार में हैं।  

क्या है कहानी

कहानी है पंजाब में रहने वाली गुरी यानी जारा खान की। बेहद चंचल और टीचर बनने की ख्वाइश लिए गुरी की शादी होती है लंदन में रहने वाले लड़के बिक्रम यानी नवीन भट्ट से। शादी के तीन महीने बाद अचानक बिक्रम, गुरी को छोड़ जाता है। गुरी इस बात से बिल्कुल टूट जाती है पर हिम्मत नहीं हारती। समाज से लड़कर वो अपने पति को ढूंढने लंदन जाती है। तमाम कोशिश के बाद बिक्रम मिलता तो है मगर उसके बाद जो होता है वो दिल दहला जाने वाला है। पैसे और दहेज के लिए की गई शादी से आज भी हमारा समाज बुरी तरह जूझ रहा है ये फिल्म इस बात को बखूबी दिखाती है। 

और बेहतर हो सकती थी फिल्म

राज बब्बर की नीस Kajri Babbarv की लिखी और निर्देशन में बनी ये फिल्म और भी अच्छी हो सकती थी अगर डायरेक्शन पर ध्यान दिया गया होता। लंदन का सीन हो या शादी का। फिल्म की शुरूआत से आपको इससे कनेक्ट होने में थोड़ा सा समय लगेगा। साथ ही जब तक आप फिल्म से कनेक्ट होंगे फिल्म खत्म हो जाएगी। आखिरी सीन जिसमें गुरी और बिक्रम का छोटा सा फाइट सीन फिल्माया गया है वो आपको रोमांचित कर सकता है। कहीं ना कहीं फिल्म का बैकग्राउंड और एक्टिंग इसकी कमजोर कड़ी है। 

आज भी भारत में हर साल 100 महिलाएं ऐसी होती हैं जिनसे एनआरआई सिर्फ दहेज और पैसों के लिए शादी करते हैं और उन्हें छोड़ जाते हैं। जिन लड़कियों की शादी एनआरआई से होती है उस लड़के के परिवार की ना तो प्रॉपर जानकारी दी जाती है ना हमारा समाज ऐसा करना जरूरी समझता है। बस विदेश में शादी हो रही है के सुर-ख्वाब से ही लोग खुश हो जाते हैं। वहीं ऐसे मामलों में मेट्रोमोनियल साइट्स का भी कुछ असर होता है जिसपर होने वाले रजिस्ट्रेशन पर लोग सही जानकारियां फिलअप नहीं करते। 27 मिनट की ये फिल्म आपको एक छूटी हुई दुल्हन का दर्द समझा जाएगी।

Web Title: Short movie Khoj review release on ZEE 5 on this Lohri

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