'परीक्षा पे चर्चा' को लेकर प्रकाश राज ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, ट्वीट कर कर दी यह मांग
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 20, 2020 04:36 PM2020-01-20T16:36:48+5:302020-01-20T16:36:48+5:30
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से परीक्षा पे चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बोर्ड एग्जाम में बैठने को तैयार छात्रों के सवालों का बखूबी जवाब दिया। पीएम के इस कार्यक्रम पर प्रकाश राज ने सवाल खड़े किए हैं।
बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह हर एक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे पर अपनी बात रखने से पीछे नहीं रहते हैं। प्रकाश नागरिकता संशोधन कानून का लगातार अपने अंदाज में विरोश कर रहे हैं। वह ट्वीट करके सराकर पर इसको लेकर निशाना भी साध रहे हैं। अब प्रकाश ने हाल ही में अपने ट्विटर पर एक बार फिर से पीएम पर निशाना साधा है।
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से परीक्षा पे चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बोर्ड एग्जाम में बैठने को तैयार छात्रों के सवालों का बखूबी जवाब दिया। पीएम के इस कार्यक्रम पर प्रकाश राज ने सवाल खड़े किए हैं।
प्रकाश राज ने पीएम मोदीसे उनकी डिग्री दिखाने की मांग की है। लगभग हर समसामियक मुद्दे पर अपनी राय जनता के सामने पेश करने वाले प्रकाश राज ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, "परीक्षा पे चर्चा करने से पहले डिग्री के कागज दिखाओ।
#ParikshaPeCharcha2020 karne se pehle degree ka kagaz dikhao...#justasking
— Prakash Raj (@prakashraaj) January 20, 2020
जानें पीएम मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के छात्रों से पूर्वोत्तर राज्यों का भ्रमण करने की अपील करते हुये कहा कि देश का यह इलाका हर नजरिए से अतिसमृद्ध है।
मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम के दौरान अधिकार और दायित्व के बारे में पूछे गये एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि यह सही है कि स्कूली पाठ्यक्रम में समय के साथ बहुत विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में नागरिक शास्त्र पढ़ाया जाता था, अब यह विषय सीमित होता जा रहा है, उसमें हमें अधिकार और कर्तव्यों के बारे में पढ़ाया जाता था।’’
उन्होंने पूर्वोत्तर की छात्रा द्वारा अधिकार और कर्तव्य के बारे में पूछे जाने पर खुशी जाहिर करते हुये कहा कि देश के छात्रों को घूमने के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के भ्रमण हेतु जरूर जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि वस्तुत: मूलभूत अधिकार होते ही नही हैं, बल्कि मूलभूत कर्तव्य होते हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘अगर हम अपने दायित्वों का सम्यक निर्वाह करें तो किसी को अपने अधिकारों की मांग करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से भविष्य में देश और समाज में खुद को नेतृत्व करने की भूमिका के लिये अभी से तैयार करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज की किशोर पीढ़ी 2047 में आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश में नेतृत्व की भूमिका में होंगे। जब देश आजादी के सौ साल मनायेगा तब अगर आपको टूटी फूटी व्यवस्था मिले तो क्या आप नेतृत्व की जिम्मेदारी का निर्वाह कर पायेंगे, शायद नहीं।’’
मोदी ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिये कि मैं ऐसा क्या कर्तव्य निभाऊं जिससे देश का लाभ हो। हम सोचें कि 2022 में जब आजादी के 75 साल होंगे तब हम संकल्प लें कि हम अपने देश में ही निर्मित वस्तुओं को खरीदेंगे। इससे देश की अर्थव्यव्था को मजबूत बनाने के प्रति हमारे कर्तव्य की पूर्ति होगी।