‘अनलॉक-2’ से नाखुश है मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, कहा- संगठित क्षेत्र का हिस्सा हैं मल्टीप्लेक्स और सिनेमा
By मनाली रस्तोगी | Published: July 2, 2020 05:14 PM2020-07-02T17:14:41+5:302020-07-02T17:25:30+5:30
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच गृह मंत्रालय ने एक से 31 जुलाई के बीच देश में शुरू हुए ‘अनलॉक-2’ के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत मल्टीप्लेक्स अभी भी बंद हैं। ऐसे में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया केंद्र सरकार के इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं है।
कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एक से 31 जुलाई के बीच देश में शुरू हुए ‘अनलॉक-2’ के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत सभी स्कूल और कॉलेज 31 जुलाई तक बंद रहेंगे। यही नहीं, गृह मंत्रालय ने ‘अनलॉक 2’ चरण में राजनीतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेलकूद संबंधी आयोजन और अन्य बड़े जमावड़े वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है, जिसके कारण सिनेमा घर भी बंद रहेंगे। ऐसे में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सरकार के इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं है।
केंद्र सरकार के फैसले से खुश नहीं है MAI
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Multiplex Association of India) ने एक बयान जारी कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसमें कहा गया है, 'ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खोला जा रहा है, जिसमें घरेलू यात्रा, कार्यालय, बाजार, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि शामिल हैं, मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) को निराशा महसूस हो रही है कि सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स अभी भी केंद्र सरकार के अनलॉक 2.0 दिशानिर्देशों के तहत निषिद्ध गतिविधियों की सूची में शामिल हैं।'
असंगठित रिटेल और दुकानों से की तुलना
बयान में कहा गया है, 'एसोसिएशन को यह कदम बेहद विध्वंसकारी और निराशाजनक लगता है, जबकि वास्तव में सिनेमा और मल्टीप्लेक्स एक उदाहरण बन सकते हैं कि कैसे सामाजिक दूरी और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन सुरक्षित और नियोजित तरीके से किया जा सकता है। सिनेमा और मल्टीप्लेक्स दर्शकों को दिशा-निर्देश समझाने में सक्षम हैं। असंगठित रिटेल और दुकानों की तुलना में मल्टीप्लेक्स और सिनेमा संगठित क्षेत्र का हिस्सा हैं। ऐसे में यहां सिर्फ वो ग्राहक ही आते हैं, जोकि इसे अफोर्ड कर सकते हैं। इस तरह से हम हम भीड़ को नियंत्रित करने में बाजारों से ज्यादा सक्षम हैं।'
10 लाख से ज्यादा लोगों की चल रही रोजी-रोटी
बयान में ये भी कहा गया, 'भारत में मल्टीप्लेक्स उद्योग सीधे तौर पर 2,00,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है। हम भारतीय फिल्म उद्योग की रीढ़ हैं जो फिल्म व्यवसाय के राजस्व का लगभग 60 फीसदी हिस्सा हैं। इससे 10 लाख से अधिक लोगों की आजीविका चल रही है, जिसमें स्पॉटबॉय, एक्टर-एक्ट्रेस, मेकअप आर्टिस्ट, संगीतकार, डिजाइनर, तकनीशियन, इंजीनियर, निर्देशक और निर्माता भी शामिल हैं।'