मंदिर पर जीशान अय्यूब ने कही ऐसी बात कि भड़कीं मालिनी अवस्थी, कहा- 'मन में इतनी नफरत पाले बैठे हैं और खुद को...'
By अमित कुमार | Published: February 22, 2020 02:18 PM2020-02-22T14:18:45+5:302020-02-22T14:19:05+5:30
सोशल मीडिया पर जीशान अय्यूब देश-दुनिया की खबरों को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं। सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर वह हमेशा अपने विचार लोगों के सामने रखते रहते हैं।
बॉलीवुड एक्टर मोहम्मद जीशान अय्यूब अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। सोशल मीडिया पर वह देश-दुनिया की खबरों को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं। सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर वह हमेशा अपने विचार लोगों के सामने रखते रहते हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और जामिया के छात्रों के समर्थन में भी उन्होंने खई सारे ट्वीट कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाबी हासिल की।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में मंदिर बनाने को लेकर उनके ट्वीट पर मशहूर गायिका मालिनी अवस्थी ने उनकी आलोचना की। जीशान अय्यूब ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'पहले उत्तर प्रदेश को नर्क बना रहे हैं, फिर मंदिर बना के ठीक करेंगे।' इस ट्वीट पर मालिनी अवस्थी ने अपना पक्ष रखते हुए लिखा, 'इनके मन में दबी बैठी नफरत और असहिष्णुता इनके ट्वीट पर उतर आई है। भाषा देखिये, विचार देखिये, और ये एक कलाकार हैं।'
इसके बाद 'रईस', 'तनु वेड्स मनु', 'मणिकर्णिका', 'ट्यूबलाइट', 'जीरो' और 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' जैसी फिल्मों में काम करने वाले जीशान अय्यूब लोगों के निशाने पर आ गए। सोशल मीडिया पर फैंस उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं।
इनके मन में दबी बैठी नफ़रत और असहिष्णुता इनके ट्वीट पर उतर आई है- भाषा देखिये, विचार देखिये, और ये एक कलाकार हैं! https://t.co/LHSqeG7K8m
— मालिनी अवस्थी (@maliniawasthi) February 21, 2020
इस कोम को हमारे मंदिरों से दिक्कत है। इनको हमारे हिन्दू होने पर दिक्कत है। इनको दिक्कत ही दिक्कत है। जहां पर ये लोग है उन देशों में भी दिक्कत है। इन लोगो को इलाज की जरूरत है।
— Doctor Amit sharma (@ak167616) February 21, 2020
15 करोड़ की आबादी का एक तथाकथित नेता जब ओवैशी की छत्रछाया के नीचे 100 करोड़ की आबादी को धमकी देता है तो सेक्युलरिज़म ज़िंदा हो जाता है,सविंधान सुरक्षित हो जाता है ,Tolerance का ग्राफ़ ऊँचा हो जाता है,बड़े वाले पत्रकार/वोट बैंक वाले नेता/पार्टियाँ नींद की गोलियाँ लेकर सो जाते हैं
— brijeshpatel (@brijesh75014516) February 21, 2020
कलाकार तो ये बन ही नहीं सकते कयोंकि उसके लिए साधना की आवश्यकता होती है जो इनके बस की है ही नहीं। इनको तो बस अपना कैरियर बनाना है चाहे जैसे भी बने।
— Rishikesh (@rishike28832834) February 21, 2020
"कौम खतरे में है 'यह बोलकर न जाने कितने निर्दोषों को मारा है,किस मुँह नर्क की बात करता है
— अंकित (@tuchabwoy) February 21, 2020
राहत साहब का एक शेर याद आ रहा है
'दोजख के इंतेज़ाम में लगा है रात दिन
फिर भी सोच रहा है जन्नत में जायेगा'