जानिए, कौन हैं बस ड्राइवर राजबहादुर, जिन्हें रजनीकांत ने समर्पित किया अपना दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड?

By अनिल शर्मा | Published: October 28, 2021 10:51 AM2021-10-28T10:51:03+5:302021-10-28T11:28:25+5:30

रजनीकांत की राजबहादुर से दोस्ती तब से है जब वे बस कंडक्टर हुआ करते थे। रजनीकांत और राजबहादुर की दोस्ती एक मिसाल के तौर पर जानी जाती है। रजनीकांत आज जिस मुकाम पर हैं, उसमें उनके दोस्त राजबहादुर का बड़ा हाथ है।

Know who is the bus driver raj bahadur to whom Rajinikanth dedicated his dadasaheb phalke award | जानिए, कौन हैं बस ड्राइवर राजबहादुर, जिन्हें रजनीकांत ने समर्पित किया अपना दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड?

जानिए, कौन हैं बस ड्राइवर राजबहादुर, जिन्हें रजनीकांत ने समर्पित किया अपना दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड?

Highlightsराजबहादुर ने ही रजनीकांत को चेन्नई में एक्टिंग के पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाया थारजनीकांत के पास पैसे नहीं होते थे कि पढ़ाई का खर्च उठा पाएंराजबहादुर उन्हें अपनी पगार से हर महीने 200 रुपए भेजा करते थे

दिल्लीः "मैं इस अवॉर्ड को अपने दोस्त राजबहादुर को समर्पित करना चाहता हूं।" 67वें राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड (National Film Award) समारोह में  रजनीकांत को जब दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया और उन्हें संबोधन के लिए कहा गया तो सुपरस्टार ने इसी नाम का जिक्र किया और कहा कि ये पुरस्कार अपने दोस्त राजबहादुर को समर्पित करता हूं। 

रजनीकांत की राजबहादुर से दोस्ती तब से है जब वे बस कंडक्टर हुआ करते थे। रजनीकांत और राजबहादुर की दोस्ती एक मिसाल के तौर पर जानी जाती है। रजनीकांत आज जिस मुकाम पर हैं, उसमें उनके दोस्त राजबहादुर का बड़ा हाथ है। रजनीकांत को हीरो अगर किसी ने बनाया तो वे राजबहादुर ही थे।

राजबहादुर ने रजनीकांत को सिनेमा में जाने के लिए प्रोत्साहित किया

 तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने संबोधन में कहा, "कर्नाटक के रहने वाले राजबहादुर बस ड्राइवर है। वह मेरे सहयोगी और मेरे दोस्त है। जब मैं बस कंडक्टर था, तब वह उन लोगों में से थे जिन्होंने मेरे अंदर एक्टिंग की प्रतिभा को पहचाना और मुझे सिनेमा में जाने के लिए प्रोत्साहित किया।" 

राजबहादुर की रजनीकांत से दोस्ती 50 साल पुरानी है

रजनीकांत को पुरस्कार मिलने के बाद दिए अपने एक साक्षात्कार में राजबहादुर ने कहा कि उनकी और रजनीकांत की दोस्ती 50 साल पुरानी है। उन्होंने बताया, मैं उनसे 1970 में मिला। तब रजनी ने बस कंडक्टर और मैंने ड्राइवर के रूप में नौकरी ज्वाइन की थी। हमारे ट्रांसपोर्ट स्टाफ में वह सबसे अच्छे एक्टर थे। जब भी विभाग का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होता, रजनीकांत स्टेज पर कार्यक्रम देते थे। ड्यूटी खत्म करने के बाद भी वो विभिन्न नाटकों में काम करते थे। यह कहने की जरूरत नहीं है कि अभिनय करने में उनका कोई मुकाबला नहीं था।

राजबहादुर एक्टिंग के कोर्स के लिए रजनीकांत को अपनी पगार से हर महीने 200 रुपए भेजा करते थे

राजबहादुर की मानें तो उन्होंने ही रजनीकांत को चेन्नई में एक्टिंग के पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाया था। तब रजनीकांत के पास पैसे नहीं होते थे कि पढ़ाई का खर्च उठा पाएं। तब राजबहादुर उन्हें अपनी पगार से हर महीने 200 रुपए भेजा करते थे। उस वक्त राजबहादुर सिर्फ 400 महीने के कमाते थे। दो साल कोर्स पूरा करने के बाद उस संस्थान ने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें रजनीकांत ने एक्टिंग किया। प्रमुख फिल्म निर्माता के बालाचंद्रन उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। वह रजनी के पास आए और कहा, "सुनो लड़के, तमिल सीख लो"।

रजनीकांत को तमिल भी सिखाई

राजबहादुर ने बताया कि तमिल सीखने को लेकर परेशान रजनी मेरे पास आए और उन्होंने यह बात बताई। मैंने रजनी से कहा कि वह चिंता नहीं करे और मैंने उस दिन से उसे मुझसे सिर्फ तमिल में बात करने को कहा और इसके बाद, जो हुआ वह इतिहास बन गया। 

Web Title: Know who is the bus driver raj bahadur to whom Rajinikanth dedicated his dadasaheb phalke award

बॉलीवुड चुस्की से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे