जानिए अमिताभ बच्चन का सबरीमला कनेक्शन, 41 दिन के लिए बिग बी बन गए थे संन्यासी
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: April 13, 2019 06:58 PM2019-04-13T18:58:21+5:302019-04-16T11:59:00+5:30
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म शोले हो या दीवार, कूली हो या फिर शराबी उनकी हर फिल्म ने हम पर कुछ अलग ही छाप छोड़ी है. 1980 का वो वक़्त था जब किसी भी फिल्म के हिट होने के लिए अमिताभ बच्चन का सिर्फ नाम ही काफी था.
हाल ही में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर बैन को लेकर विवाद राष्ट्रीय स्तर पर छाया रहा. दरअसल, सबरीमला मंदिर में 10 से लेकर 50 साल तक की महिलाओं की एंट्री पर बैन था. मंदिर का प्रशासन मानता है कि 10 से 50 साल की महिलाएं पीरियड्स होने की वजह से अशुद्ध होती है. लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति मिली.
लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि सदी के महानायक भगवान अय्यप्पा के भक्त हैं. आइये आपको बताते है अमिताभ बच्चन का सबरीमाला मंदिर से कनेक्शन.
1980 की हिट फिल्में
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म शोले हो या दीवार, कूली हो या फिर शराबी उनकी हर फिल्म ने हम पर कुछ अलग ही छाप छोड़ी है. 1980 का वो वक़्त था जब किसी भी फिल्म के हिट होने के लिए अमिताभ बच्चन का सिर्फ नाम ही काफी था. वो जिस भी फिल्म में हो उसका हिट होना तो तय था. आलम कुछ ऐसा था की अमिताभ बच्चन की बैक टू बैक फिल्में हिट रहती थी.
1978 में उनकी फिल्म मुकद्दर का सिकंदर, कसमे वादे, त्रिशूल, डॉन चारो फिल्में आसपास रिलीज़ हुई थी और चारों हिट थी. जब वो फिल्म कूली की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद अस्पताल पहुंच गए थे तब सारा मुल्क प्रार्थना कर रहा था. और अमिताभ बच्चन अपने फैन्स के लिए भगवान बन चुके थे. लेकिन अपने फैन्स का ये भगवान खुद 1984 में 41 दिनों के लिए सन्यासी हो गए थे.
41 दिनों तक ले लिया था संन्यास
सबरीमला मंदिर में भगवान अय्यपा से आशीर्वाद लेने के लिए 41 दिनों का कठिन व्रत रखना होता है. हर तीरथयात्री को कठिन नियमो का पालन करना होता है. लेकिन सुपरस्टार होने के बाद भी अमिताभ बच्चन ने 41 दिनों तक सन्यासी का जीवन व्यतीत किया था.
दरअसल यह बात है 1984 की है, जब अमिताभ बच्चन केरल के सबरीमला पहुंचे थे. वहा अमिताभ स्वामी अयप्पा की शरण में रहें और 41 दिनों का संन्यास लिया था. ये बात खुद अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में बताया था.
पूरे 41 दिनों तक उन्होंने गेरुए रंग के कपड़े पहने, शराब और मांसाहार से परहेज़ किया, पारिवारिक जीवन से दूर रहे, ज़मीन पर सोये, नंगे पैर चले.
41 दिन पूरे होने के बाद संन्यास लेने वाले व्यक्ति को नंगे पांव सबरीमला मंदिर तक की यात्रा करनी पड़ती थी. अमिताभ ने पूरी आस्था के साथ यात्रा करने के लिए नियमों का पालन किया और फिर भगवन अय्यपा का आशीर्वाद लेने के लिए सबरीमाला गए. एक सुपरस्टार के लिए 41 सन्यासी का जीवन व्यतीत करना बहुत मुश्किल होता है लेकिन अमिताभ ने इस यात्रा को पूरी श्रद्धा के साथ की .
हालाँकि इतना नाम शोहरत, पैसा होने के बावजूद भी अमिताभ सन्यासी क्यों हो गए ? इसका खुलासा भी अमिताभ भी खुद किया. अमिताभ का कहना था की इसके लिए उन्होंने कोई मन्नत नहीं मांगी थी. उनके दोस्त ये यात्रा कर रहे थे तो उन्होंने ने भी उनका साथ दिया.
लेकिन कूली फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद ही अमिताभ बच्चन ने यात्रा की थी. Big B की ये आस्था और श्रद्धा की वजह से ही उनके तारे आज भी बुलंदियों पर हैं।