गुजरात HC के बाद अब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'केदारनाथ' पर रोक लगाने से किया इनकार
By रामदीप मिश्रा | Published: December 6, 2018 05:12 PM2018-12-06T17:12:23+5:302018-12-06T17:12:23+5:30
उत्तराखंड सरकार ने फिल्म 'केदारनाथ' को लेकर उठ रही आपत्तियों की जांच के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया। इस फिल्म में 2013 में आयी भयावह आपदा की पृष्ठभूमि में एक प्रेम कहानी को दिखाया गया है।
गुजरात हाईकोर्ट के बाद उत्तराखं हाईकोर्ट ने बॉलीवुड फिल्म 'केदारनाथ' की रिलीज को रोकने की मांग करने वाली याचिका को गुरुवार (6 दिसंबर) को खारिज कर दिया। इसके बार दोनों राज्यों में तय तारीख के मुताबिक शुक्रवार (सात दिसंबर) को रिलीज होगी। बता दें, याचिका में मांग की गई थी कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
इस मामले को लेकर उत्तराकंड हाईकोर्ट ने कहा कि गढ़वाल के स्वामी दर्शन भारती को अपनी शिकायत के साथ रुद्रप्रयाग जिला मजिस्ट्रेट के पास जाना चाहिए।
वहीं, इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिका को खारिज कर दिया था और इसे यचिकाकर्ता का ‘लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा’ बताया। सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान अभिनीत फिल्म सात दिसंबर को रिलीज होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए एस दवे और न्यायमूर्ति बिरेन वैष्णव की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ‘हिन्दुओं की भावनाओं’ को आहत करने का आरोप लगाते हुए फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग की गई थी। यह याचिका इंटरनेशनल हिन्दू सेना के अध्यक्ष प्रकाश राजपूत ने दायर की थी। उसने दावा किया था कि इस फिल्म में मुस्लिम लड़के को हिन्दू लड़की से प्यार हो जाता है जिससे हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
याचिकाकर्ता पर बरसते हुए अदालत ने कहा कि याचिका ‘लोकप्रियता हासिल करने के हथकंडे’ सिवाए कुछ नहीं है। अदालत ने उसपर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इधर, उत्तराखंड सरकार ने फिल्म 'केदारनाथ' को लेकर उठ रही आपत्तियों की जांच के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया। इस फिल्म में 2013 में आयी भयावह आपदा की पृष्ठभूमि में एक प्रेम कहानी को दिखाया गया है।
बुधवार को गठित की गई सतपाल महाराज की अध्यक्षता वाली इस समिति में सदस्य के रूप में गृह सचिव नितेश झा, सूचना सचिव दिलीप जवालकर और डीजीपी अनिल रतूड़ी शामिल हैं। यह पैनल फिल्म के बारे में उठ रही आपत्तियों की जांच करेगा और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। रिपोर्ट के आधार पर पूरे राज्य में फिल्म के प्रदर्शन के बारे में उचित फैसला लिया जाएगा।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)