1947 में कौन सी लड़ाई लड़ी गई थी, ट्रोल किए जाने पर भड़कीं कंगना रनौत- गलत साबित कर दें लौटा दूंगी पद्मश्री
By अनिल शर्मा | Published: November 13, 2021 03:04 PM2021-11-13T15:04:13+5:302021-11-13T15:17:56+5:30
कंगना ने लिखा- इंटरव्यू (टाइम्स नाउ समिट) में सब कुछ बहुत स्पष्ट रूप कहा है। 1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई शुरू हुई। पूरी लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों ने बलिदान दिया।
मुंबईः कंगना रनौत ने अपने आजादीवाले बयान को लेकर ट्रोल किए जाने पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने उन लोगों से सवाल पूछा है जो उनके पद्मश्री वापस लिए जाने की बात कर रहे हैं। अपने आलोचकों से कंगना ने कहा कि वह बस मेरे सवाल का जवाब दे दें मैं अपना पद्मश्री खुद ही वापस कर दूंगी।
गौरतलब है कि हाल ही में एक टीवी चैनल पर आजादी को लेकर अपने बयान के बाद से कंगना कई लोगों के निशाने पर हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि 1947 में जो मिली वो भीख थी, असली आजादी 2014 में मिली है। इंस्टाग्राम की स्टोरी में कंगना ने अपनी पूरी बात रखी है। इसमें उन्होंने एक किताब का अंश शेयर किया है जिसमे अरबिंदो घोष, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के कोट्स हैं।
1947 में कौन सा युद्ध हुआ था?
कंगना ने लिखा- इंटरव्यू (टाइम्स नाउ समिट) में सब कुछ बहुत स्पष्ट रूप कहा है। 1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई शुरू हुई। पूरी लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों ने बलिदान दिया। 1857 की लड़ाई मुझे पता है, लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है। अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी…कृपया इसमें मेरी मदद करें।
गांधी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया?
इसी पोस्ट में कंगना ने आगे कहा कि "मैंने शहीद वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की फीचर फिल्म में काम किया है... आजादी की पहली लड़ाई 1857 पर बड़े पैमाने पर रिसर्च की थी... राष्ट्रवाद के साथ राइट विंग का भी उदय हुआ... लेकिन अचानक खत्म क्यों हो गया? और गांधी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया? नेताजी बोस को क्यों मारा गया और गांधी जी का सपोर्ट उन्हें कभी क्यों नहीं मिला? एक गोरे (ब्रिटिश) ने पार्टीशन की लाइन क्यों खींची?
भारत की चेतना और विवेक 2014 में मुक्त हो गए थेः कंगना
भारत के 2014 में आजाद होनेवाले बयान को लेकर कंगना ने लिखा है कि मैं परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं। जहां तक 2014 में आजादी का संबंध है, मैंने विशेष रूप से कहा था कि भौतिक आजादी हमारे पास हो सकती है, लेकिन भारत की चेतना और विवेक 2014 में मुक्त हो गए थे..।