B'day Special: जावेद अख्तर की वो स्पीच जिसने सबको किया 'खामोश', जानिए क्या था कहा
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 17, 2020 08:19 AM2020-01-17T08:19:20+5:302020-01-17T08:19:20+5:30
हिंदी फिल्म जगत के मशहूर गीतकार-कवि जावेद अख्तर का आज जन्मदिन है।
हिंदी फिल्म जगत के मशहूर गीतकार-कवि जावेद अख्तर का आज जन्मदिन है। 'सिलसिला', '1942: अ लव स्टोरी', 'वीर जारा', 'मैं हूं ना', 'जोधा अकबर' जैसी फिल्मों के लिए गीत लिख चुके कवि जावेद करीब पिछले चार दशकों से बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं।
ये लेखक राजनेता का सफर भी पूरा कर चुका है। जावेद अख्तर को राज्यसभा के लिए नवम्बर 2009 में नॉमिनेट किया गया था। लेखक से राजनेता बने जावेद ने अपने पूरे कार्यकाल में ऐसी कोई स्पीच सभा के अंदर नहीं दी जिससे जनता उनको याद रखती, लेकिन अपनी फेयरवेल (राज्यसभा के आखिरी दिन) में जो स्पीच दी उसने सभा के अंदर से लेकर बाहर तक हर किसी का मुंह बंद कर दिया। जावेद अख्तर का बतौर सांसद राज्यसभा में दिया गया आखिरी भाषण सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
सभा के अंदर जावेद के बेबाक बोल
जावेद अख्तर ने देश के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता जताते हुए जहां लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर जबरदस्त हमला बोला था, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा से अपने विधायकों, सांसदों और मंत्रियों पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले बयान देने से लगाम लगाने को कहा था। उन्होंने 'भारत माता की जय' बोलने से इंकार करने वाले ओवैसी के बयान पर विरोध जताते हुए सदन में तीन बार 'भारत माता की जय' कहा।
सांसद को बताया मोहल्ले का नेता
अख्तर ने अपने भाषण में जहां एआईएमआईएम सांसद को मोहल्ले का नेता बताया था, वहीं मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों पर भी निशाना साधा था। उन्होंने सदन के भीतर ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए। जावेद अख्तर ने चुटकीला जवाब भी दिया था और कहा था- मुझे मालूम है वक्त अच्छा नहीं चल रहा। जावेद अख्तर ने भाषण में अपने जुदा अंदाज से सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों पर निशाना साधा था।
संविधान में नहीं लिखा टोपी पहनना
जावेद अख्तर ने कहा था कि वह बताएं कि संविधान में शेरवानी और टोपी पहनने की बात कहां लिखी है। अख्तर ने अपने विदाई संबोधन में ओवैसी का नाम लिए बिना कहा कि आंध्र प्रदेश में एक शख्स हैं जिन्हें गुमान हो गया है कि वह राष्ट्रीय नेता हैं, जिनकी हैसियत एक शहर या एक मुहल्ले से ज्यादा नहीं है। इस पर उच्च सदन सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके साथ ही उन्होंने सत्ता पक्ष को भी परोक्ष निशाने पर लिया और कहा कि देश में ध्रुवीकरण और धार्मिक कट्टरता फैलाने की कोशिशों को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से कहा कि वह अपने उन विधायकों, सांसदों, राज्य मंत्रियों और मंत्रियों तक को रोके जो नफरत फैलाने वाले बयान देते हैं।