'जय भीम' में वन्नियार समुदाय के कथित अपमान को लेकर सूर्या को लीगल नोटिस, माफी और 5 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग
By अनिल शर्मा | Published: November 16, 2021 02:40 PM2021-11-16T14:40:35+5:302021-11-16T15:39:55+5:30
वन्नियार संगम के अध्यक्ष अरुल मोझी, प्रवक्ता के बालू और पट्टाली मक्कल काची के वकील ने एक कानूनी नोटिस जारी किया है, जिसमें उनके समुदाय को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
तमिलनाडुः तमिल सुपरस्टार सूर्या शिवकुमार की फिल्म जय भीम एक बार फिर विवादों में है। फिल्म पर वन्नियार समुदाय को 'बदनाम' करने का आरोप लगा है, जिसके एवज में 5 करोड़ हरजाने और माफी की मांग की गई है।
वन्नियार संगम ने 'जय भीम' फिल्म में कथित तौर पर वन्नियार समुदाय को 'बदनाम' करने वाले दृश्यों के लिए अभिनेता सूर्या, निर्देशक टी.जे. ज्ञानवेल और अमेजन इंडिया को कानूनी नोटिस जारी कर 5 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है। वहीं, वन्नियार संगम ने 7 दिनों के भीतर फिल्म से उन सभी दृश्यों को हटाने की भी मांग की है।
वन्नियार संगम के अध्यक्ष अरुल मोझी, प्रवक्ता के बालू और पट्टाली मक्कल काची के वकील ने एक कानूनी नोटिस जारी किया है। वकील ने कहा कि एक दृश्य में कथित रूप से वन्नियार संगम समुदाय की सामाजिक प्रतिष्ठा को पूर्वाग्रहित करने के लिए वास्तविक जीवन की कहानी को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का उल्लेख करता है। इसमें सब-इंस्पेक्टर को हिरासत में लेने और बाद में निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने वाले को 'गुरुमूर्ति' के रूप में नामित करता है, जिसे फिल्म में बार-बार 'गुरु' कहा जाता है।
नोटिस में कहा गया है, "वास्तविक कहानी से विभिन्न पात्रों के नामों का उल्लेख करते हुए आपने जानबूझकर पुलिस उप निरीक्षक का नाम 'गुरु' रखा है, जो वन्नियार संगम के अग्रिम पंक्ति के नेताओं में से एक है।"
गौरतलब है कि यह फिल्म 90 के दशक में तमिलनाडु में हुई सच्ची घटनाओं पर आधारित है। इसमें इरुलुर आदिवासी समुदाय के एक जोड़े सेंगगेनी और राजकन्नू की कहानी है। राजकन्नू को जब झूठे आरोप में पुलिस गिरफ्तार कर लेती है और बाद में जब वह पुलिस हिरासत से लापता हो जाता है तो उसकी पत्नी उसकी तलाश के लिए वकील चंद्रू (सूर्या द्वारा निभाया गया किरदार) का सहारा लेती है।