बर्थडे स्पेशल: जब गीता दत्त ने बताए ख़ुद के गाए 10 फेवरेट गाने, दी थी पसंद करने की ये वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 23, 2018 07:41 AM2018-11-23T07:41:47+5:302018-11-23T07:41:47+5:30
गीता दत्त ने इन गीतों का चयन करते हुआ कहा था, "मेरे ख़्याल से गीत में सरल भाषा में मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। ट्यून ऐसी होनी चाहिए कि गायक गीत के बोल में छिपे अर्थ के साथ पूरा इंसाफ कर सके। मेरे विचार में मैंने जो गाने चुने हैं वो हर समय में हर जगह के लोगों को पसंद आएंगे।"
गीता दत्त की ज़िंदगी एक ऐसी कहानी है जिसकी शुरुआत जितनी हसीन थी, उसका अंत उतना ही दर्दनाक हुआ। गीता दत्ता का जन्म 23 नवंबर 1930 को पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) में हुआ था। गीता की उम्र करीब 12 साल थी, उनके पिता मुंबई (तब बॉम्बे) आकर बस गये थे। यहीं गीता को संगीतकार हनुमान प्रसाद की निगहबानी में गायिकी सीखने का मौका मिला। फ़िल्मों में प्लेबैक सिंगर के तौर पर उन्हें पहला ब्रेक भी हनुमान प्रसाद ने भक्त प्रह्लाद फिल्म से दिया।
बाज़ी, चौदहवीं का चांद, काग़ज़ के फूल, प्यासा, साहब, बीबी और ग़ुलाम जैसी फिल्मों से गीता दत्त ने बॉलीवुड के अग्रणी गायकों में अपनी जगह बना ली। गीता ने निर्माता-निर्देशक-अभिनेता गुरु दत्त से शादी की। उनके वैवाहिक जीवन का दुखद अंत हुआ। गुरु दत्त की असामयिक मृत्यु के बाद गीता दत्त को शराब की लत लग गयी और महज 42 साल की उम्र में 20 जुलाई 1972 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
गीता दत्त के गीतों में फेवरेट की लिस्ट बनाना काफी मुश्किल है। उन्होंने अपने ढाई दशक लम्बे करियर में 1200 से अधिक हिंदी गीत गाये हैं। लेकिन साल 1957 में एक इंटरव्यू में गीता दत्त ने ख़ुद अपने आवाज़ में गाये 10 फेवरेट गानों की लिस्ट बतायी थी। नीचे पेश है गीता दत्त के गाये उनके 10 सबसे पसंदीदा गीत-
गीता दत्त ने उस इंटरव्यू में कहा था, "लोगों की एक मान्यता है कि लोकप्रिय गाने सबसे अच्छे नहीं होते। मैं इससे सहमत नहीं। अगर कोई गीत लोगों को पसंद आता है तो इसका मतलब है कि वो संगीत, लेखन और गायन हर विधा में पूरी तरह मुकम्मल है। ऐसे में मैं अपने 10 बेस्ट गीतों की लिस्ट बनाऊँ या 10 सबसे लोकप्रिय गानों की? मेरे ख़्याल से इसके बीच बहुत महीन रेखा है। जो गीत लोगों को पसंद आये और जो गाने मुझे पसंद हैं वो एक ही हैं।"
1- मत जा मत जा जोगी (जोगन-1950)
2- मेरा सुंदर सपना बीत गया ( दो भाई-1947)
3- ना ये चांद होगा (शर्त-1954)
4- तदबीर से बिगड़ी हुई तक़दीर (बाज़ी-1951)
5- ये लो मैं हारी पिया (आर पार- 1954)
6- ख़्यालों में किसके (बावरे नैन-1950) (मुकेश के साथ युगल गीत)
7- आज सजन मोहे अंग लगा लो (प्यासा-1957)
8- जाने क्या तूने कही (प्यासा-1957)
9- ऐ दिल मुझे बता दे (भाई भाई- 1956)
10- हाय ये दुनिया कौन सी (सैलाब-1956)
गीता दत्त ने इन गीतों का चयन करते हुआ कहा था, "मेरे ख़्याल से गीत में सरल भाषा में मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। ट्यून ऐसी होनी चाहिए कि गायक गीत के बोल में छिपे अर्थ के साथ पूरा इंसाफ कर सके। मेरे विचार में मैंने जो गाने चुने हैं वो हर समय में हर जगह के लोगों को पसंद आएंगे।"
यहाँ यह बताना जरूरी है कि 1957 के इस इंटरव्यू के बाद भी गीता दत्त ने काग़ज़ के फूल (1959) और साहब, बीबी और गु़लाम (1962) जैसी फ़िल्मों के कई अमरगीतों को आवाज़ दी। गीता दत्त और गुरु दत्त की प्रेम कहानी को काग़ज़ के फूल के कैफ़ी आज़मी के लिखे इस गीत से ज्यादा मुकम्मल से बयान करना किसी के लिए भी मुश्किल है-
वक़्त ने किया क्या हसीं सितम
तुम रहे न तुम हम रहे न हम।