BHU के फिरोज खान मामले पर एक्टर का फूटा गुस्सा, कहा- ऐसा है तो रफी साहब को भजन नहीं गाने चाहिए थे...
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 20, 2019 02:44 PM2019-11-20T14:44:00+5:302019-11-20T14:44:00+5:30
परेश रावल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह सामाजिक और राजनीतिक हर एक मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में मुस्लिम प्रोफेसर द्वारा संस्कृत पढ़ाए जाने के विरोध का मामला छाया हुआ है। इसको लेकर विरोध जारी है। कई लोगों ने इसको लेकर हैरानी जताई है कि कैसे भाषा और धर्म को जोड़ा जा सकता है।इस बीच प्रोफेसर फिरोज खान ने सावल पूछा कि मैं एक मुसलमान हूं, तो क्या मैं छात्रों को संस्कृत नहीं सिखा सकता। अब इस मामले पर एक्टर बीजेपी के पूर्व नेता परेश रावल ने अपनी राय व्यक्त की है।
परेश रावल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह सामाजिक और राजनीतिक हर एक मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। अब बीएचयू वाले मुद्दे पर परेश ने कहा है कि इस तर्क से तो मोहम्मद रफी को भजन ही नहीं गाने चाहिए थे।
हाल ही में बीएचयू में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग में फिरोज खान नाम के एक टीजर की नियुक्ति हुई थी। लेकिन वहां के छात्र इस अध्यापक का विरोध कर रहे हैं। इस पर परेश रावल ने अपनी प्रतिक्रिया पेश की है।
परेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि प्रोफेसर फिरोज़ खान के खिलाफ विरोध देखकर हैरान हूं। किसी धर्म और भाषा का क्या लेना-देना। प्रोफेसर फिरोज ने अपना पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी संस्कृत में की है। भगवान के लिए इस बेवकूफ़ी को बंद कीजिए।
Stunned by the protest against professor Feroz Khan !what language has to do with Religion!?!?!? Irony is professor Feroz has done his masters and PhD in Sanskrit !!! For Heavens sake stop this god damn idiocy !
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 19, 2019
इसके बाद परेश ने लिखा है कि इस तर्क से तो महान गायक स्वर्गीय श्री मोहम्मद रफी जी को भजन नहीं गाने चाहिए थे और नौशाद साहब को उनका संगीत नहीं बनाना चाहिए था। परेश के इस ट्वीट पर लोग जमकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
By same logic great singer late Shri Mohammad Rafi ji should not have sung any BHAJANS and Naushad Saab should not have composed it !!!!
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 19, 2019
इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कहा?
इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले भी स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी के नियमानुसार शिक्षक की योग्यता को देखते हुए नियुक्ति की गई है। कुलपति राकेश भटनागर ने शुक्रवार को डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को आवास पर बुलाकर करीब दो घंटे चर्चा की। इससे पहले कुलपति ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय प्रमुख और संकाय के सभी विभागाध्यक्षों के साथ भी विस्तार से चर्चा की।