दिल्ली क्राइम वेब सीरीज रिव्यू: क्राइम और सस्पेक्ट के बीच पुलिस वालों को रिश्तों की डोर से बांधती दिखती है सीरीज
By मेघना वर्मा | Published: April 2, 2019 04:23 PM2019-04-02T16:23:50+5:302019-04-02T16:23:50+5:30
सीरीज का पहला ही एपिसोड पूरे सात एपिसोड देखने के लिए आपको मजबूर कर देगा। लगभग एक घंटे 15 मिनट के एपिसोड में ना सिर्फ ब्रैकग्राउंड स्कोर को अच्छा बांधा गया है बल्कि इसे देखकर आप इमोशनल भी हो सकते हैं।
डिजिटल रिव्यू: दिल्ली क्राइम (वेब सीरीज)
कलाकार: शेफाली शाह, राजेश तैलंग, रसिका दुग्गल आदि।
निर्देशक: रिची मेहता
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
डिजिटल वर्ल्ड में इन दिनों दिल्ली क्राइमवेब सीरीज की जमकर चर्चा हो रही है। शैफाली शाह और राजेश तैलंग के साथ मिर्जापुर की बीना यानी रसिका दुग्गल की ये वेब सीरिज कैसी है आइए हम बताते हैं आपको।
बॉलीवुड की कुछ दो चार फिल्मों को छोड़ दें तो ज्यादातर हर फिल्म में पुलिस वालों को ब्लैक शेड में ही दिखाने की कोशिश की है। रिश्वत लेना, ड्यूटी के टाइम ध्यान ना देना या आम लोगों को परेशान करना वगैरह-वगैरह। मगर क्या कभी रियल लाइफ में किसी पुलिस वाले को रिश्तों की डोर से बांधकर दिखाने की कोशिश की है। कभी एक मां, एक पिता या किसी प्रेमिका के रिश्ते की डोर में बंधे हुए इन पुलिस वालों के इसी ताने-बाने को बयां करती हैं सीरीज दिल्ली क्राइम।
7 साल पहले दिल्ली में हुए निर्भया कांड के थ्रू इस सीरीज में पुलिस वालों की जिंदगी को दिखाया गया है। केस की छानबीन के बीच कैसे एक बाप अपनी बेटी के लिए रिश्ता ढूंढता है और कैसे एक मां अपनी बेटी को ये दिखाने की कोशिश करती हैं कि दिल्ली एक अच्छा शहर है। सीरीज में मीडिया और राजनीति के साथ समाज के प्रेशर से दबे पुलिस वालों को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है।
सात साल पहले निर्भया कांड को लेकर मीडीया में या टीवी पर जो बातें चल रही थी उसके आस-पास की कहानियों को ही भी बेहद अच्छे तरीके से दिखाया गया है। बात करें अगर एक्टिंग की तो शैफाली शाह दिल्ली के डीसपी के तौर पर दिखी हैं। वहीं राजेश तैलंग और रसिका दुग्गल ने भी अपनी एक्टिंग से सीरीज में जान डाल दी है।
सीरीज का पहला ही एपिसोड पूरे सात एपिसोड देखने के लिए आपको मजबूर कर देगा। लगभग एक घंटे 15 मिनट के एपिसोड में ना सिर्फ ब्रैकग्राउंड स्कोर को अच्छा बांधा गया है बल्कि इसे देखकर आप इमोशनल भी हो सकते हैं। गैंगरेप विक्टिम दीपिका की हालत हो या उसके मां-बाप एपिसोड के कुछ सीन्स आपके दिल को अंदर से हिला देंगे।
धीरे-धीरे सीरिज आगे जरूर बढ़ती है। नो डाउस 4वें एपिसोड तक आप बिना रूके अपना हर काम छोड़कर इसे देख सकते हो मगर इसके बाद से कहीं ना कहीं चीजें खींची हुई सी लगती हैं। ऐसा लगता है कि बस सीरीज को किसी तरह बढ़ाने के लिए एपिसोड्स के लिए इसे बढ़ाया जा रहा है। हां माना हर चीज में आप मनोरंजन और मसाला नहीं ढूंढ सकते है और ये लाइन इस सीरीज पर बिल्कुल फिट बैठती है।
डायरेक्ट रिची मेहता ने ब्यूटीफुली पुलिस की लाइफस्टाइल और उनके ऑफिस केसेस इंवेस्टीगेशन के इतर की जिंदगी को भी दिखाया है। निर्भया केस में किस तरह दिल्ली पुलिस ने काम किया और आरोपियों को धर दबोचा इसे जानने के लिए आपको दिल्ली क्राइम जरूर देखना चाहिए। सिनेमेटोग्राफी, म्यूजिक, लोकेशन, डायलॉग इस सीरीज में सब कुछ बैलेंस है।