कान फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फ़िल्म का अवार्ड जीतने वाली अभी तक की एकमात्र भारतीय फ़िल्म

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 28, 2019 04:31 PM2019-05-28T16:31:56+5:302019-05-28T16:31:56+5:30

फ्रांस के कान फ़िल्म फेस्टिवल को सिने-संसार में अमेरिका के ऑस्कर से ज्यादा सम्मान प्राप्त है। इस फेस्टिवल को कलात्मक फ़िल्मों के पहचान और सम्मान के लिए जाना जाता है। कान फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फील्म का अवार्ड अभी तक भारत को एक ही बार मिला है। यह फिल्म थी नीचा नगर (1946) जिसके निर्देशक से चेतन आनन्द।

cannes film festival 2019 first Indian film to win Golden Palm or Palme d'Or Neecha Nagar | कान फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फ़िल्म का अवार्ड जीतने वाली अभी तक की एकमात्र भारतीय फ़िल्म

नीचा नगर से कामिनी कौशल और पण्डित रविशंकर ने अपना फिल्म डेब्यू किया था। (neecha nagar poster)

Highlightsनीचा नगर का निर्देशन चेतन आनन्द ने किया था। चेतन आनन्द अभिनेता देव आनन्द के बड़े भाई थे।चेतन आनन्द ने बात में हकीकत और हीर रांझा जैसी लोकप्रिय फिल्मों का भी निर्माण किया।

कलात्मक सिनेमा के प्रेमियों के लिए फ्रांस का कान फिल्म फेस्टिवल दुनिया के सबसे ज्यादा तवज्जो पाने वाले समारोह है। अमेरिका की सामरिक-राजनीतिक-वाणिज्यिक ताकत के समानांतर ही अमेरिका का सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल अकादमी अवार्ड (ऑस्कर अवार्ड) दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो चुका है लेकिन कान में अवार्ड जीतना आज भी सार्थक सिनेमा में यकीन रखने वालों की पहली तमन्ना रहता है। 

पिछले एक-डेढ़ दशक में विशाल भारद्वाज, अनुराग कश्यप और आनन्द गांधी जैसे फिल्मकारों के उभार ने कान जैसे यूरोपीय फिल्म फेस्टिवल के प्रति भारतीयों में नई जिज्ञासा जगाई है। 

लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि कलात्मक सिनेमा का सिरमौर अवार्ड आज तक भारत को एक ही बार मिला है। कान फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड भारत को एक ही बार 1946 में मिला।

1946 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह अवार्ड कई सालों के अंतराल के बाद दिया जा रहा था। इसी साल चेतन आनन्द की फिल्म नीचा नगर रिलीज हुई थी। 

चेतन आनन्द  के छोटे भाई देव आनन्द और विजय आनन्द भी सिनेमा में अपना अलग मकाम रखते हैं। लेकिन जब चेतन आनन्द ने नीचा नगर बनाकर भारत को कान फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स (बेस्ट फिल्म) अवार्ड दिलाया तब देव आनन्द और विजय आनन्द अपने करियर की शुरुआत ही कर रहे थे।

कान फिल्म फेस्टिवल के ग्रैंड प्रिक्स अवार्ड को ही बाद में नाम बदलकर पॉम डी ओर (बेस्ट फिल्म) अवार्ड कर दिया गया। 

'नीचा नगर' फिल्म हयातुल्लाह अंसारी के 'नीचा नगर' नामक कहानी पर आधारित थी। फिल्म की पटकथा (स्क्रिप्ट) ख़्वाजा अहमद अब्बास ने लिखी थी। 

फिल्म में अमीर और गरीब तबके के बीच के संघर्ष को दर्शाया गया है। चेतन आनन्द वामपंथी विचारों से प्रेरित थे। इस फिल्म में एक तरह से साम्यवादी सिद्धांतों के अनुरूप वर्ग संघर्ष को दिखाने का प्रयास किया गया था। 

नीचा नगर फिल्म इसलिए भी खास है कि इसके माध्यम से पहली बार पण्डित रविशंकर ने किसी फिल्मी में संगीत दिया था। यह फिल्म अभिनेत्री कामिनी कौशल की पहले फीचर फिल्म भी थी। 

Web Title: cannes film festival 2019 first Indian film to win Golden Palm or Palme d'Or Neecha Nagar

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