लड़के क्लास में मेरा बैग खोलकर अंडरवियर निकालते और उसे इधर-उधर फेंक देते थे: अभिनेत्री मसाबा गुप्ता
By अनुराग आनंद | Published: November 25, 2020 12:35 PM2020-11-25T12:35:16+5:302020-11-25T12:45:59+5:30
अभी हाल में दिए एक साक्षात्कार में मसाबा गुप्ता ने कहा कि आप जब इस तरह की परिस्थिति से गुजरते हैं तो उस समय आपको धैर्य व समझदारी के साथ काम लेने की जरूरत होती है।
नई दिल्ली: डिजाइनर और बॉलीवुड अभिनेत्री मसाबा गुप्ता ने अपनी त्वचा के रंग को लेकर उसके साथ हुए भेदभाव को लेकर अपनी बात सार्वजनिक की है। मसाबा ने कहा कि अपने माता-पिता से परंपरागत तौर पर मिले रंग की वजह से उन्हें कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ा है। मसाबा दिग्गज अभिनेत्री नीना गुप्ता और वेस्टइंडीज क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स की बेटी हैं।
अभी हाल में दिए एक साक्षात्कार में मसाबा ने कहा कि आप जब इस तरह की परिस्थिति से गुजरते हैं तो उस समय आपको धैर्य व समझदारी के साथ काम लेने की जरूरत होती है। मसाबा ने अपने साक्षात्कार में यह भी कहा कि स्कूल व उसके बाद के समय में उसे इस तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
एचटी की मानें तो देश की लोकप्रिय पत्रकार बरखा दत्त को दिए अपने इंटरव्यू में मसाबा ने यह बात कही है। इसके साथ ही मसाबा ने यह भी कहा कि कई परिचितों ने मेरे बैक की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपकी बैक ने मुझे प्रभावित किया है। यही नहीं मेरे एक दोस्त ने मेरी त्वचा के रंग को लेकर मुझे सलाह देना शुरू किया कि मुझे क्या पहनना है, क्या अध्ययन करना है या मुझे कौन सा खेल खेलना चाहिए। मुझे लगा कि मेरे रंग की वजह से उसके सलाह देने का तरीका विचित्र था।
मसाबा ने यह भी कहा कि भेदभाव भरे शब्दों को सुनने के दौरान मैंने महसूस किया कि लोग मेरी त्वचा के रंग से अधिक, यह मेरे माता-पिता के रिश्ते को लेकर भी बातें करते थे। मुझे याद है कि मेरे लिए एक खास तरह के शब्द ( b * stard बच्चा) का इस्तेमाल किया जाता है। मसाबा ने कहा कि उस समय मुझे यह समझ में नहीं आया कि इसका क्या मतलब है और मैंने अपनी मां से पूछा था कि मुझे दूसरे लोग इस तरह क्यों कहते हैं?
अपने साथ हुई क्रूर व्यवहार के बारे में बात करते हुए मसाबा ने कहा कि मैंने स्कूल में पेशेवर टेनिस खेला था। मुझे कक्षा में देर से आने की अनुमति दी गई थी क्योंकि मैं राज्य के लिए खेल रही थी। मसाबा ने कहा कि कक्षा के लड़के मेरा बैग खोलकर मेरा अंडरवियर निकालते थे और उसे इधर-उधर फेंक देते थे। वे मेरे शॉर्ट्स का मज़ाक उड़ाते थे क्योंकि मैं एक बड़ी लड़की थी।