BMC को देना होगा कंगना रनौत को हर्जाना, दफ्तर में तोड़फोड़ को हाई कोर्ट ने माना ग़लत इरादे की गई कार्रवाई
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 27, 2020 12:58 PM2020-11-27T12:58:36+5:302020-11-27T12:59:44+5:30
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को कहा कि सोशल मीडिया पर विचारों को रखने में संयम बरतें। अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है।
मुंबईः बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की बॉम्बे हाईकोर्ट में बड़ी जीत हुई है। रनौत और बीएमसी के बीच विवाद पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कंगना के पक्ष में फैसला सुनाया।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि तोड़े गए दफ्तर पर कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया था।अदालत ने विध्वंस के आदेश को रद्द कर दिया कोर्ट ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई गलत इरादे से की गई थी और साथ ही दफ्तर में तोड़फोड़ से कंगना को हुए नुकसान का मूल्यांकन कर उसे बीएमसी को देने का आदेश दिया है।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को कहा कि सोशल मीडिया पर विचारों को रखने में संयम बरतें।कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी राज्य को किसी नागरिक द्वारा की गई गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए।
Bombay High Court says the valuer will submit a report to the court after which it will pass an order on compensation to Kangana Ranaut. Court also asks the actor to show restrain while commenting on other people on social media and otherwise. https://t.co/Dkh3TOfyGp
— ANI (@ANI) November 27, 2020
अदालत ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है। न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय द्वारा की गई कार्रवाई अनधिकृत थी और इसमें कोई संदेह नहीं है।
पीठ रनौत द्वारा नौ सितंबर को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने पाली हिल बंगले में बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय ने एक नागरिक के अधिकारों के खिलाफ गलत इरादे से कार्रवाई की है।
रनौत ने बीएमसी से हर्जाने में दो करोड़ रुपये मांगे थे और अदालत से बीएमसी की कार्रवाई को अवैध घोषित करने का आग्रह किया था। मुआवजे के मुद्दे पर पीठ ने कहा कि अदालत नुकसान का आकलन करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त कर रही है जो याचिकाकर्ता और बीएमसी को विध्वंस के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान पर सुनवाई करेगा।
अदालत ने कहा, ‘मूल्यांकन अधिकारी मार्च 2021 तक मुआवजे पर उचित आदेश पारित करेगा।” नागरिक निकाय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अभिनेत्री ने गैरकानूनी तरीके से अपने बंगले में निर्माण कार्य कराए थे। बीएमसी द्वारा नौ सितंबर को विध्वंस प्रक्रिया शुरु करने के बाद ही रनौत ने यह याचिका दायर की थी जिसके बाद अदालत ने अंतरिम आदेश में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी।