बर्थडे स्पेशल: लता मंगेशकर की आवाज को बेस्ट नहीं मानते थे ओपी नैयर, कभी नहीं गवाया था उनसे कोई गाना
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 16, 2019 10:36 AM2019-01-16T10:36:06+5:302019-01-16T10:36:06+5:30
आज जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं ओपी नैयर से जुड़ी तीन दिलचस्प बातें।
हिंदी सिनेमा में संगीत के बदशाह ओपी नैयर को भला कौन नहीं जानता होगा। उनका जन्म पाकिस्तान के लाहौर में 16 जनवरी साल 1926 को हुआ था। उनके संगीत की छाप आज तक फैंस के बीच ज्यों की त्यों है। उसको कोई भी धुंधला नहीं कर पाया है। ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का जैसे ना जाने कितने गाने हैं जो उन्होंने फैंस को दिए। आज जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं ओपी नैयर से जुड़ी तीन दिलचस्प बातें।
इन गानों से जीता फैंस का दिल
ओपी नैयर ने अपने जीवन में बहुत से ऐसे गानों की सौगात फैंस को दी है। उन्होंने ना भूलने वाला कभी आर कभी पार, बाबू जी धीरे चलना, रात रंगीली चमके तारे आजा, फूल से गालों पे और कभी-कभी मेरे दिल खूब मजा जैसे अनगिनत हिट गानों की सौगता दी है। कहते हैं 50 के दशक में रेडियो पर बस उनके ही गाने छाए रहते थे।
फिल्मों का संगीत किया निर्देशित
उन्होंने 1949 में रिलीज हुई फिल्म 'कनीज' और 1952 में आई फिल्म 'आसमान' में उन्होंने पहली बार बतौर म्यूजिक डायरेक्टर काम किया था और फैंस के बीच गहरी छाप छोड़ी। इसके बाद उन्होंने और भी फिल्मों में संगीत निर्देशन किया।
लता को नहीं किया पसंद
जिस लता का आज भी हर कोई दीवाना है उस आवाज को ओपी पसंद नहीं करते थे। कहते हैं ओपी नैयर अपने समय के दिग्गज संगीतकार में से एक थे, लेकिन वह लता मंगेशकर से कभी गाना नहीं गवाते थे। उनके हिसाब से लता की आवाज उनके संगीत के मुताबिक नहीं थी। ये उस समय की बात है जब हर छोटे से बड़ा संगीतकार लता को अपने संगीत के लिए सफलता की गारंटी मानते थे।