बॉलीवुड डायरेक्टर ने JNU छात्रसंघ अध्यक्ष को लगाई लताड़, आइशी घोष ने कश्मीर पर दिया था विवादित बयान

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 17, 2020 08:53 AM2020-01-17T08:53:08+5:302020-01-17T09:03:13+5:30

अशोक पंडित का आइशी के इस बयान पर गुस्सा फूटा है। उन्होंने कहा है कि ये लोग आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं। अशोक पंडित सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं।

ashok pandit reply to jnu president aishe ghosh | बॉलीवुड डायरेक्टर ने JNU छात्रसंघ अध्यक्ष को लगाई लताड़, आइशी घोष ने कश्मीर पर दिया था विवादित बयान

बॉलीवुड डायरेक्टर ने JNU छात्रसंघ अध्यक्ष को लगाई लताड़, आइशी घोष ने कश्मीर पर दिया था विवादित बयान

Highlightsजवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी ने बुधवार को जामिया में कश्मीर पर एक विवादित बयान दिया था।सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए आइशी ने कहा कि कश्मीर को भूलकर हम अपना आंदोलन नहीं जीत सकते।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी ने बुधवार को जामिया में कश्मीर पर एक विवादित बयान दिया था।सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए आइशी ने कहा कि कश्मीर को भूलकर हम अपना आंदोलन नहीं जीत सकते। कश्मीर से ही संविधान के छेड़छाड़ की शुरुआत हुई है। इससे हम पीछे नहीं हट सकते हैं। वहां के लोगों के साथ जो हो रहा है वह बहुत गलत हो रहा है, हम हर एक मंच से उनके हक की बात ही करेंगे। आइशी के इस बयान से निर्देशक अशोक पंडित भड़क गए हैं।

अशोक पंडित का आइशी के इस बयान पर गुस्सा फूटा है। उन्होंने कहा है कि ये लोग आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं। अशोक पंडित सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। साथ ही वह हर एक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं।

आइशी घोष के विवादित बयान के बाद अशोक पंडित ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'तो साफ है इनका समर्थन आतंकियों और आतंकवाद के लिए है। सीएए और एनआरसी का प्रदर्शन तो बहाना है। कश्मीर में और पूरे देश में अराजकता फैलाना ही इनका धर्म और मकसद है। पैसे भी इसी काम के लिए मिलते हैं ना।'

बता दें कि जामिया में बुधवार को चलो जामिया नाम से छात्रों को बुलाने का आवाह्नन किया गया था। यहां जेएनयू अध्यक्ष आइशी घोष हिस्सा लेने पहुंची थीं।आइशी ने कहा कि जितना यह देश नेहरू और गांधी का है, उतना ती यह देश मौलाना अबुल कलाम आजाद अशफाक उल्लाह खान का भी है। हमें सावरकर और गोलवरकर का इतिहास नहीं पढ़ना है, इन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। हमें राम प्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह और अशफाक उल्लाह खान जैसे लोगों का इतिहास को पढ़ना है। 

Web Title: ashok pandit reply to jnu president aishe ghosh

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