ब्लड कैंसर होने पर अनुराग बसु को डॉक्टर ने दे दिया था जवाब, याद कर हुए भावुक, कहा- जीने के लिए मेरे पास सिर्फ दो हफ्ते का समय बचा था...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 11, 2022 09:00 PM2022-06-11T21:00:37+5:302022-06-11T21:09:04+5:30
अनुराग बसु ने कहा कि इमरान हाशमी और अन्य लोगों के साथ बीयर पीने के लिए अपने अस्पताल के कमरे से बाहर निकला। लेकिन मेरी हालत तेजी से बिगड़ने लगी क्योंकि कोई दवा मदद नहीं कर रही थी। मेरे प्लेटलेट्स कम हो रहे थे।
मुंबईः फिल्ममेकर अनुराग बसु को साल 2004 में ब्लड कैंसर का पता चला था। इस बीमारी से उबरने और इसकी गंभीरता के बारे में बात करते हुए वह काफी भावुक हो गए। अनुराग को ब्लड कैंसर उस वक्त हुआ जब उनकी पत्नी अपनी बेटी ईशाना की उम्मीद कर रही थीं। अनुराग ने कहा कि उन्हें स्थिति की गंभीरता को समझने में काफी वक्त लगा, जबकि उनके दोस्त और परिवारवाले काफी घबरा गए थे। क्योंकि इलाज के दौरान सुधार नहीं दिख रहा था।
अनफिल्टर्ड बाय समदीश के साथ बातचीत में, अनुराग बसु ने बताया कि बीमारी सिर्फ फफोले से शुरू हुआ और कुछ ही समय में गंभीर हो गया। उन्होंने कहा, 'मेरे मुंह में एक दिन कुछ छाले हो गए। यह वास्तव में बड़ा था, बुलबुले की तरह। बकौल अनुराग, मेरी हालत देखकर डॉक्टर बहुत डर गए थे। उन्होंने मेरा खून और रिपोर्ट लिया। मैंने कहा, मैं अभी यह नहीं कर सकता, मुझे शूटिंग खत्म करनी है। जब मैं शूटिंग के लिए गया तो मुकेश भट्ट ने कहा, सब कुछ पैक कर लो। फिल्ममेकर ने बताया कि जब मैंने अस्पताल में अपने माता-पिता का चेहरा देखा, तो मुझे संकेत मिला कि कुछ गड़बड़ है।
अनुराग ने बताया कि जब महेश भट्ट मिलने आए तब मुझे इसकी गंभीरता का एहसास हुआ। उस वक्त अनुपम खेर भी मिलने आए। उन दोनों को देखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है। अनुराग ने आगे कहा कि इमरान हाशमी और अन्य लोगों के साथ बीयर पीने के लिए अपने अस्पताल के कमरे से बाहर निकला। लेकिन मेरी हालत तेजी से बिगड़ने लगी क्योंकि कोई दवा मदद नहीं कर रही थी। मेरे प्लेटलेट्स कम हो रहे थे। मेरे मम्मी और पापा ने अस्पताल में मेरे सामने आना बंद कर दिया। डॉक्टर्स ने कहा दिया था कि जीने के लिए सिर्फ दो हफ्ते का समय बचा है। मेरे शरीर से बाल्टीभर खून निकल रहे थे। लेकिन लोग मेरे लिए ब्लड डोनेट करते रहे।
अनुराग ने आगे कहा कि मुझे दूसरे अस्पताल में ले जाया गया। सुनील दत्त की मदद से टाटा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बिस्तर दिलाने में मदद की।