कुछ ऐसी थी अमिताभ बच्चन की 50 साल पहले की फर्स्ट फिल्म 'सात हिंदुस्तानी', पढ़ें दमदार 10 डायलॉग
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 15, 2019 09:47 AM2019-02-15T09:47:11+5:302019-02-15T09:58:03+5:30
15 फरवरी 1969 से ही अमिताभ के अभिनय की यात्रा सिनेमा जगत में शुरू हुई थी।
बॉलीवुड के महानायक यानी कि अमिताभ बच्चन ने आज यानी कि 15 फरवरी 2019 को सिनेमा जगत में 50 साल पूरे कर लिए हैं। 15 फरवरी 1969 से ही अमिताभ के अभिनय की यात्रा सिनेमा जगत में शुरू हुई थी। बिग बी 15 फरवरी को ही अपनी पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी साइन की थी। ऐसे में जितना आज का दिन उनके लिए खास है उनका ही उनके फैंस के लिए भी खास है। आइए जानते हैं कैसे मिली थी उनको ये फिल्म-
महानायक को कैसे मिली पहली फिल्म 'सात हिंदुस्तानी'
सात हिंदुस्तानी के डायरेक्टर अहमद अब्बास जब फिल्म बनाने के लिए सात कलाकरों की तलाश में थे। उसी वक्त अमिताभ भी फिल्मों के लिए ऑडिशन दे रहे थे। उन्होंने ने भी ऑडिशन दिया और वो इसमें पास हो गए और किरदार चुनने के दौरान अमिताभ ने फिल्म के किरदार अनवर अली को चुना। खास बात ये है कि अमिताभ ने अब्बास को नहीं बताया था कि वह हरिवंश राय के बेटे हैं।
लेकिन वहीं जब अब्बास को ये पता चला कि अमिताभ, मशहूर साहित्यकार और उनके जाननेवालों में शामिल हरिवंशराय के बेटे हैं तो उन्होंने तुरंत ही अमिताभ के पिता को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने उनके बेटे को कास्ट करने की बात कही और उनसे उनकी अनुमति मांगी, इसके बाद जब हरिवंशराय की सहमती आ गई तब ही अमिताभ को इस फिल्म के लिए हरी झंडी दिखा दी गई।
एक बार खुद अमिताभ ने बताया था कि फिल्म मिलने से पहले ही उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और जब फिल्म की कमाई मिली तो वह बहुत कम थी लेकिन कभी कभी सपनें पूरे करने के लिए रिस्क लेना पड़ता है। हांलाकि ये फिल्म पर्दे पर रिलीज हुई और कुछ कमाल नहीं कर पाई।
बॉलीवुड में एंग्री यंगमैन बनने से पहले अमिताभ ने साल 1969 से साल 1973 प्रकाश मेहरा की फिल्म 'ज़ंजीर' तक काफी उतार चढ़ाव देखे। अमिताभ बताते हैं कि ये चार साल उनके लिए काफी भारी थे। जिसमें उनकी फ़िल्में कोई ख़ास कमाल नहीं दिखा पा रही थीं।
दमदार 10 डायलॉग
1. रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह (शहंशाह)
2. मेरे पास गाड़ी है, बंगला है तुम्हारे पास क्या है(दीवार)
3. हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है (कालिया)
4. मर्द को दर्द नहीं होता (मर्द)
5. ये पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं (जंजीर)
6. आज खुश तो बहुत होगे तुम (दीवार)
7. मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी, वरना ना हो. (नटवर लाल)
8. अगर अपनी मां का दूध पिया है, तो सामने आ (लावारिस)
9. मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता (दीवार)
10.अबे बुडढा होगा तेरा बाप (बु़ड्ढा होगा तेरा बाप)