अमिताभ बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री में पूरे किए 50 साल, फरवरी की इस तारीख को पहली मूवी की थी साइन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 14, 2019 08:00 PM2019-02-14T20:00:53+5:302019-02-14T20:00:53+5:30
प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
सदी के महानायक के रूप में मशहूर अमिताभ बच्चन ने आज से ठीक 50 साल पहले 15 फरवरी 1969 को फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' साइन करके हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था. तब कोई नहीं जानता था कि यह पतला-दुबला, लंबा युवक आगे चलकर भारतीय सिनेमा का इतिहास बदल देगा. भारतीय सिनेमा के करीब 105 साल के इतिहास में एक से बढ़कर एक कलाकार हुए हैं, लेकिन फिल्मी दुनिया में जो प्रतिष्ठा, जो लोकप्रियता अमिताभ बच्चन को मिली है वैसी किसी अन्य को आज तक नहीं मिल सकी है.
कोई संदेह नहीं कि कई मामलों में अमिताभ बच्चन ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार और लोकप्रियता के शिखर पर रहे सुपरस्टार राजेश खन्ना को भी पीछे छोड़ दिया है. हालांकि दिलीप कुमार फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च दादासाहब फाल्के सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं , जबकि बिग बी को यह सम्मान अब तक नहीं मिला है, लेकिन वह 76 वर्ष की उम्र में जिस तरह आज भी जबरदस्त जोश के साथ सक्रिय, लोकप्रिय और डिमांड में हैं उसका आज भी कोई सानी नहीं है. अमिताभ बच्चन के मामले में पुरानी कहावत लागू होती है कि नंबर एक से नंबर दस तक आज भी अमिताभ बच्चन हैं, बाकी सभी की गिनती दस के बाद शुरू होती है.
देखा जाए तो फिल्म और टीवी ही नहीं आज विज्ञापन की दुनिया में भी अमिताभ बच्चन नंबर वन हैं. वह जितने प्रोडक्ट के ब्रांड एम्बेसडर हैं, उतना कोई और सितारा नहीं है. विज्ञापन सरकारी हों या निजी, सबकी पहली पसंद ज्यादातर अमिताभ बच्चन ही रहते हैं. मुश्किल से मिला था फिल्मों में मौका अमिताभ बच्चन आज सभी के चहेते सुपरस्टार हैं. वह लोकप्रियता के शिखर पर बैठे हुए हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्हें फिल्मों में काम बड़ी मुश्किल से मिला था.
अमिताभ को स्कूल-कॉलेज के नाटकों में काम करते करते फिल्मों में काम करने की इच्छा भी जागृत हुई थी. लेकिन उनके माता-पिता अर्थात् मां तेजी बच्चन और सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन चाहते थे कि उनका बड़ा बेटा कोई अच्छी नौकरी पाकर सेटल हो जाए. अमिताभ ने फिल्मों में काम करने लिए डाक से अपने फोटो आदि कई फिल्म निर्माताओं को भिजवाए, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया. यहां तक कि ऑल इंडिया रेडियो ने भी उन्हें रिजेक्ट कर दिया.
अमिताभ मन मारकर बैठ गए. लेकिन तभी उनके छोटे भाई अजिताभ बच्चन को पता लगा कि फिल्मकार ख्वाजा अहमद अब्बास अपनी फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' के लिए नए कलाकार खोज रहे हैं तो उन्होंने बड़े भाई के कुछ फोटो उन तक पहुंचा दिए. अब्बास ने कहा, फोटो नहीं इस लड़के को बुलाओ. उस वक्त अमिताभ कोलकाता की एक कंपनी में नौकरी करते थे. वह तुरंत कोलकाता से मुंबई आ गए. अब्बास ने उन्हें पसंद तो कर लिया लेकिन जब उन्हें पता लगा कि यह उनके दोस्त बच्चन जी का लड़का है तो उन्होंने कहा, ''मैं पहले बच्चन जी से पूछूंगा कि वह तुम्हें फिल्मों में काम करने देने के लिए सहमत हैं या नहीं.''
उन दिनों फिल्मों में काम करना ज्यादा अच्छा नहीं समझा जाता था. अब्बास ने बच्चन जी को दिल्ली में तार भेजकर पूछा तो अमिताभ को लगा कि कहीं वे मना न कर दें. लेकिन बच्चन जी ने तार भेजकर अब्बास को जवाब दिया, ''यदि तुम समझते हो कि अमिताभ में कुछ योग्यता है तो ले लो नहीं तो वापस भेज दो.'' इसी के बाद अमिताभ का फिल्मों में आगमन संभव हो सका. अमिताभ को शुरुआत में खास सफलता नहीं मिली. उनकी राजेश खन्ना के साथ आई फिल्म 'आनंद' को छोड़कर करीब 10 फिल्में लगातार फ्लॉप हो गईं.
इसके बाद 1973 में आई 'जंजीर' की सफलता ने बिग बी की किस्मत चमका दी. इस फिल्म के बाद 'शोले', 'दीवार', 'अमर अकबर एंथनी', 'डॉन', 'त्रिशूल', 'शराबी', 'नमक हलाल' और 'शक्ति' जैसी कई सुपरहिट फिल्में देकर अमिताभ ने खुद को फिल्मी दुनिया के शहंशाह के रूप में स्थापित कर लिया. अपनी दूसरी पारी में भी उन्होंने 'बागबां', 'कभी खुशी कभी गम', 'ब्लैक', 'चीनी कम', 'पा', 'पीकू' जैसी शानदार फिल्में दी हैं. पिछले साल बिग की की '102 नॉट आउट' भी काफी पसंद की गई. अमिताभ लगातार शानदार फिल्में दे रहे हैं. इससे साफ है कि 50 साल बाद भी फिल्मकारों और दर्शकों पर अमिताभ का जादू खूब चल रहा है.