अक्षरा सिंह ने नेपोटिज्म पर बेबाकी से रखी अपनी बात, कहा- स्टार किड्स का भी होना चाहिए ऑडिशन
By एस पी सिन्हा | Published: June 25, 2020 09:57 PM2020-06-25T21:57:18+5:302020-06-25T21:57:18+5:30
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ऐसे पहले एक्टर नहीं हैं, जोकि नेपोटिज्म का शिकार हुए हों। मगर चर्चित अदाकारा और गायिका अक्षरा सिंह ने नेपोटिज्म पर बेबाकी से बात करते हुए कहा कि हर जगह नेपोटिज्म है। मगर इसका ये मतलब नहीं है कि गैर-फिल्मी बैकग्राउंड से आने वाले प्रतिभाशाली लोगों की अनदेखी हो।
पटना: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री पर सवाल उठने लगा है। मगर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री भी उससे कम नहीं है। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर अपने मनपसंद एक्ट्रेस को ही काम दिलाते हैं, जिसके कारण बाकी एक्ट्रेस को काम नहीं मिलता है। इसी बीच भोजपुरी फिल्म जगत की चर्चित अदाकारा और गायिका अक्षरा सिंह ने भी नेपोटिज्म पर अपनी आवाज मुखर की है।
हर जगह है नेपोटिज्म: अक्षरा
उन्होंने माना है कि हर जगह नेपोटिज्म है। मगर इसका ये मतलब नहीं है कि गैर-फिल्मी बैकग्राउंड से आने वाले प्रतिभाशाली लोगों की अनदेखी हो। उन्होंने कहा कि जिसके माता-पिता जिस भी क्षेत्र में होते हैं, वो चाहते हैं कि उनका बच्चा उसी क्षेत्र में कदम रखे। वैसे ही बॉलीवुड इंडस्ट्री में है। इन सबके बावजूद कई लोग गैर-फिल्मी पृष्ठभूमि से आए और अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ गए। इनमें बिहार के शत्रुघ्न सिन्हा, मनोज वाजपेयी, सुशांत सिंह राजपूत, पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा समेत अन्य कई कलाकार हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से हर जगह प्रतिभा को सम्मान मिलना चाहिए और उसे आगे बढ़ने देना चाहिए। अक्षरा ने कहा कि स्टार किड्स को जिस तरह का मौका और प्लेटफॉर्म आसानी से दिया जाता है, मेरे ख्याल से हम सभी कलाकारों को जो एक्टर बनने के लिए जाते हैं और प्रतिभाशाली हैं, उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। साथ ही उसी प्रक्रिया से स्टार किड्स को गुजरना चाहिए। उन्हें भी ऑडिशन की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए। उन्होंने नेपोटिज्म से ज्यादा ग्रुपिज्म को खतरनाक बताया और कहा कि इसका शिकार हर कलाकार से लेकर छोटे तकनीशियन तक है।
अंजली श्रीवास्तव ने किया था सुसाइड
उल्लेखनीय है कि काम नहीं मिलने के कारण आज से ठीक तीन साल पहले एक्ट्रेस अंजली श्रीवास्तव ने सुसाइड कर लिया था। लेकिन उसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। साल 2012 में एक्ट्रेस रूबी सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। अंजली इलाहाबाद की रहने वाली थी। उनके पिता बडे कारोबारी थे। बड़े सपने लेकर अंजली भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के लिए गई थी, कुछ फिल्में मिली, लेकिन बाद में उससे फिल्में मिलना बंद हो गई।
इससे परेशान होकर उसने 19 जून 2017 को फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। बताया जाता है कि काम करने के दौरान ही भोजपुरी के बी ग्रेड के एक डायरेक्टर के चंगुल में अंजली फंस गई थी। अंजली को बार-बार डायरेक्टर कॉल करता था। मगर उसके साथ काम करना नहीं चाहती थी। अंजली सुसाइड से एक माह तक काम नहीं मिलने के कारण तनाव में रहती थी।
रूबी सिंह ने भी की थी आत्महत्या
तनाव में रहने के कारण उन्होंने अपने कमरे में सुसाइड कर लिया था। उन्होंने 8 साल तक इंडस्ट्री में संघर्ष किया। एक्ट्रेस ने अपने करियर की शुरुआत में डांसर के रूम में काम किया। फिल्म 'कच्चे धागे' और 'लहू के दो रंग' में काम करने का मौका मिला, लेकिन आगे फिल्में मिलनी बंद गई। जिसके बाद उसने सुसाइड कर लिया।
उसी तरह से फरवरी 2012 में बिहार की रहने वाली भोजपुरी फिल्म एक्ट्रेस रूबी सिंह ने गोरेगांव में कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। रूबी को भी फिल्म नहीं मिल रही थी जिसके कारण उसने सुसाइड किया था। उन्होंने 'हो गईल बा प्यार ओढनिया वाली से' से फिल्म में डेब्यू किया था। रूबी 30 फिल्मों में काम कर चुकी थी। पहले तो पुलिस ने सुसाइड को प्रेम प्रसंग को लेकर जांच कर रही थी, लेकिन पता नहीं चल पाया कि सुसाइड का कारण क्या था? लेकिन बताया जा रहा था कि रूबी भी काम नहीं मिलने से परेशान थी।