विष्णुगुप्त का ब्लॉगः विश्व शक्तियों के बीच बजता भारत का डंका

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 16, 2019 11:30 PM2019-01-16T23:30:28+5:302019-01-16T23:30:28+5:30

अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने दिल्ली पहुंच कर भारत सरकार के प्रतिनिधियों से विस्तृत वार्ता की और तालिबान को लेकर बढ़ती आशंकाओं का निराकरण भी किया. अमेरिकी प्रतिनिधि ने अपने बयान में दृढ़ता के साथ कहा कि अफगानिस्तान में शांति का कोई भी प्रयास या फिर तालिबान को शांति के मार्ग पर लाने की कोई भी कोशिश भारत की सहायता और हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं है. 

world power: How time and circumstances are changing in favor of India | विष्णुगुप्त का ब्लॉगः विश्व शक्तियों के बीच बजता भारत का डंका

विष्णुगुप्त का ब्लॉगः विश्व शक्तियों के बीच बजता भारत का डंका

विष्णुगुप्त

भारत के पक्ष में समय और परिस्थितियां कैसे बदल रही हैं, दुनिया की शक्तियां भारत के सामने कैसे झुक रही हैं, भारत के विचार को जानने के लिए खुद दस्तक दे रही हैं, इसका एक उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत है. अफगानिस्तान में शांति वार्ता में भारत की भूमिका और विचार को जानने के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि खुद अमेरिका से चलकर भारत आए. 

अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने दिल्ली पहुंच कर भारत सरकार के प्रतिनिधियों से विस्तृत वार्ता की और तालिबान को लेकर बढ़ती आशंकाओं का निराकरण भी किया. अमेरिकी प्रतिनिधि ने अपने बयान में दृढ़ता के साथ कहा कि अफगानिस्तान में शांति का कोई भी प्रयास या फिर तालिबान को शांति के मार्ग पर लाने की कोई भी कोशिश भारत की सहायता और हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं है. 

इसके पहले रूस ने कहा था कि भारत की आशंकाओं को दूर किए बिना अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन की कोई भी कोशिश नहीं हो और अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता में हिस्सेदारी देने के प्रयास के पहले भारत की भूमिका तय होनी चाहिए. इसके पूर्व अफगानिस्तान-पाकिस्तान के पड़ोसी ईरान ने घोषणा की थी कि तालिबान और भारत जब साथ-साथ बैठेंगे तभी अफगानिस्तान में कोई भी राजनीतिक निर्णय सार्थक होगा और वह तालिबान को भारत के साथ शांति वार्ता में बैठाने की कोशिश करेगा. 

सबसे बड़ी बात यह है कि अफगानिस्तान की वर्तमान सरकार दुनिया की शक्तियों अमेरिका और रूस के शांति प्रयासों से सशंकित तो जरूर है पर अफगानिस्तान सरकार भारत की भूमिका और हस्तक्षेप को अनिवार्य मान रही है. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने साफ-साफ कहा है कि जब तक भारत की भूमिका सर्वश्रेष्ठ नहीं होगी, भारत की आशंकाएं निर्णय में शामिल नहीं होंगी तब तक अफगानिस्तान में शांति के प्रयास सफल नहीं होंगे. हामिद करजई ने दुनिया की शक्तियों से अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को बढ़ाने की मांग की है. भारत के पक्ष में यह स्थितियां तब भी बनी हैं जब पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी भारत के खिलाफ रही है. 

पाकिस्तान और चीन नहीं चाहते हैं कि दुनिया की समस्याओं के समाधान में भारत की कोई सार्थक या फिर सर्वश्रेष्ठ भूमिका हो. सबसे बड़ी बात यह है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान का पड़ोसी देश ईरान भी भारत के साथ कई प्रश्नों पर गहरी दोस्ती रखता है. ईरान की कई परियोजनाओं में   भारत की भूमिका बढ़ी है. अफगानिस्तान की अशांति से ईरान भी प्रभावित होता है. पाकिस्तान और चीन पर ईरान कभी भी विश्वास नहीं कर सकता है. पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन ईरान के लिए खतरा हैं इसलिए ईरान भी भारत के साथ खड़ा होकर तालिबान की अशांति और हिंसा को दूर करना चाहता है.

Web Title: world power: How time and circumstances are changing in favor of India

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