वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: परमाणु हथियारों का होना चाहिए खात्मा

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 5, 2022 03:18 PM2022-01-05T15:18:26+5:302022-01-05T15:23:29+5:30

पिछले 6-7 दशकों में परमाणु अप्रसार और परमाणु-नियंत्रण के बारे में कई संधियां और समझौते होते रहे हैं लेकिन आज तक भी कोई ऐसा समझौता नहीं हुआ है, जिसके तहत सभी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र अपने परमाणु हथियारों को खत्म करने या तेजी से घटाने की कोशिश करते।

Vedpratap Vaidik blog Nuclear weapons should be abolished | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: परमाणु हथियारों का होना चाहिए खात्मा

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: परमाणु हथियारों का होना चाहिए खात्मा

दुनिया की पांच परमाणु शक्ति संपन्न महाशक्तियों ने अब एक सत्य को सार्वजनिक और औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है। ये पांच राष्ट्र हैं- अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस। इन पांचों राष्ट्रों के पास हजारों परमाणु बम और प्रक्षेपास्त्र हैं। इन्होंने पहली बार यह संयुक्त घोषणा की है कि यदि परमाणु युद्ध हुआ तो उसमें जीत किसी की नहीं होगी। सब हारेंगे। अत: परमाणु युद्ध होना ही नहीं चाहिए। ये पांचों राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं और दुनिया के सबसे संपन्न राष्ट्रों में हैं। उन्होंने यह संकल्प भी प्रकट किया है कि परमाणु-शस्त्र नियंत्रण के लिए वे द्विपक्षीय और सामूहिक प्रयत्न बराबर करते रहेंगे।

इस घोषणा का दुनिया में सर्वत्र स्वागत होगा लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या हिरोशिमा और नागासाकी के नर-संहार के 77 साल बाद अब इन राष्ट्रों को यह सत्य समझ में आया है? क्या अभी तक ये सत्ता के नशे में डूबे हुए थे? बल्कि मैं तो यह समझता हूं कि अब तक ये सत्ता में मदमस्त होने से भी ज्यादा भयग्रस्त थे। सभी महाशक्तियां एक-दूसरे से इतनी डरी हुई थीं कि सब ने परमाणु शस्त्रास्त्र बना लिए। अपने परम मित्र राष्ट्रों के पास परमाणु बम होने के बावजूद उन्होंने करोड़ों-अरबों रु. खर्च करके अपने बम बना लिए। लेकिन वे अब महसूस कर रहे हैं कि ये समूल नाश के साधन हैं। एक-एक राष्ट्र के पास इतने परमाणु बम हैं कि जिनसे सारी पृथ्वी का कई बार नाश हो सकता है। लेकिन इन राष्ट्रों ने सिर्फ उस खतरे की उपस्थिति को स्वीकारा है। उसका इलाज अब भी इन्होंने शुरू नहीं किया है। पिछले 6-7 दशकों में परमाणु अप्रसार और परमाणु-नियंत्रण के बारे में कई संधियां और समझौते होते रहे हैं लेकिन आज तक भी कोई ऐसा समझौता नहीं हुआ है, जिसके तहत सभी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र अपने परमाणु हथियारों को खत्म करने या तेजी से घटाने की कोशिश करते। अब भी उन्हें लगता है कि यदि उन्हें संप्रभु और स्वतंत्न रहना है तो उनके पास परमाणु बम होना ही चाहिए।

 इन राष्ट्रों के नेताओं से कोई पूछे कि क्या गांधीजी ने कोई परमाणु बम चलाया था? बिना हथियार चलाए भारत आजाद हुआ या नहीं? कोई भी परमाणु-राष्ट्र किसी भी अन्य राष्ट्र पर इसलिए कब्जा नहीं कर सकता कि उस राष्ट्र के पास परमाणु बम नहीं है। दुनिया के मुश्किल से दर्जन भर राष्ट्रों के पास परमाणु-शक्ति है लेकिन उनमें क्या इतना दम है कि वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों पर कब्जा कर लें? मेरी राय में परमाणु-बम हाथी के दिखावटी दांतों की तरह हैं। इन्हें जितनी जल्दी नष्ट किया जाए, उतना अच्छा। यह अंधविश्वास भी निराधार साबित हो गया है कि परमाणु बम के डर के मारे अब दुनिया में युद्ध नहीं होंगे। इस परमाणु-युग में लगभग हर महाद्वीप पर दर्जनों देश आपस में युद्धरत हैं।

Web Title: Vedpratap Vaidik blog Nuclear weapons should be abolished

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