वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः भारत-भूटान संबंधों की गहराई 

By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 19, 2019 06:14 AM2019-08-19T06:14:50+5:302019-08-19T06:14:50+5:30

क्या नेपाल, क्या श्रीलंका, क्या मालदीव और पाकिस्तान के तो कहने ही क्या? लेकिन भूटान एकमात्न ऐसा भारत का पड़ोसी है, जिसमें चीन की दाल नहीं गल पाती.

Vedapratap Vaidik's column: Depth of India-Bhutan relations | वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः भारत-भूटान संबंधों की गहराई 

वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः भारत-भूटान संबंधों की गहराई 

भारत के पड़ोसी देशों में प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी का सबसे पहले भूटान जाना हुआ. क्यों हुआ? यह किसी संकट की वजह से नहीं हुआ बल्किइसलिए हुआ कि भूटान भारत का बहुत ही अनूठा पड़ोसी है. भूटान भारत का एकमात्न पड़ोसी है, जिसके चीन से कूटनीतिक संबंध नहीं हैं. भारत के सभी पड़ोसी यूं तो अपने आप को प्राचीन या बृहत्तर भारत का अंग मानते हैं लेकिन वे चीन से दोस्ती गांठने और भारत को छकाने में सबसे आगे रहते हैं. क्या नेपाल, क्या श्रीलंका, क्या मालदीव और पाकिस्तान के तो कहने ही क्या? लेकिन भूटान एकमात्न ऐसा भारत का पड़ोसी है, जिसमें चीन की दाल नहीं गल पाती.

 पिछले दिनों भूटान के डोकलाम क्षेत्न में चीन ने कब्जा करने की कोशिश की तो भारत ने अपनी फौजें अड़ाकर भूटान की संप्रभुता की रक्षा की. हालांकि भूटान के साथ हुई 1949 की संधि का अवसान हो चुका है लेकिन भूटान की सुरक्षा और विदेश नीति का भार भारत के कंधों पर ही है. भूटान ने लगभग हर वक्त पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का साथ दिया है. भूटान जाकर मोदी ने भारत के संबंधों को पहले से भी अधिक घनिष्ठ बना दिया है. भूटान नरेश और भूटान के प्रधानमंत्नी ने भारतीय प्रधानमंत्नी के स्वागत में पलक-पांवड़े बिछा दिए. 

मोदी ने 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. उनमें शिक्षा, शोध, सौर-ऊर्जा, बिजली-उत्पादन, सूचना-तकनीक, अंतरिक्ष स्टेशन जैसे मामलों को रखा गया है. यह छोटा-सा देश 2000 मेगावाट से भी ज्यादा बिजली पैदा कर रहा है. भारत ने भी भूटान को 700 मीट्रिक टन मासिक से बढ़ाकर गैस की आपूर्ति 1000 मीट्रिक टन प्रति माह कर दी है. भूटान को उसकी पंचवर्षीय योजनाओं में भी भरपूर भारतीय सहयोग मिलता है. लगभग 8 लाख नागरिकों वाले इस सुरम्य राष्ट्र में अपराध लगभग नहीं के बराबर होते हैं. इस देश में पर्यावरण की शुद्धता यूरोपीय राष्ट्रों से भी ज्यादा है. भूटान नरेश के पिता के हम सपरिवार थिम्पू में मेहमान रह चुके हैं. दक्षिण एशिया के युवा नेताओं में उनके जैसा पढ़ा-लिखा और जिज्ञासु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्नी या नरेश मैंने कोई दूसरा नहीं देखा.

Web Title: Vedapratap Vaidik's column: Depth of India-Bhutan relations

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे