वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: महाभियोग के फेर में बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 15, 2021 11:42 AM2021-01-15T11:42:43+5:302021-01-15T12:00:10+5:30

डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ा विवाद अभी खत्म नहीं हो रहा है और इसके जल्द खत्म होने की संभावना भी नहीं है. वे अमेरिकी इतिहास में पहले ऐसे खलनायक के तौर पर देखे जा रहे हैं जिन पर चार साल में दो बार महाभियोग का मुकदमा चला है.

Ved Pratap Vedic blog: Donald Trump impeachment and issues | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: महाभियोग के फेर में बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप का भविष्य क्या होगा (फाइल फोटो)

Highlightsडोनाल्ड ट्रंप के पहले तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चले हैं, लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति पर आरोप गंभीर हैंडोनाल्ड ट्रंप से पहले एंड्रू जॉनसन, रिचर्ड निक्सन और बिल क्लिंटन चले हैं महाभियोगडोनाल्ड ट्रंप पर है गंभीर आरोप, राष्ट्रद्रोह या तख्ता-पलट या बगावत का आरोप लगा है इन पर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जैसी दुर्दशा आज हो रही है, किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की कभी नहीं हुई. ऐसा नहीं है कि ढाई सौ साल के इतिहास में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति पर कभी महाभियोग चला ही नहीं. 

ट्रंप के पहले तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चले हैं. 1865 में एंड्रू जॉनसन पर, 1974 में रिचर्ड निक्सन पर और 1998 में बिल क्लिंटन पर. इन तीनों राष्ट्रपतियों पर जो आरोप लगे थे, उनके मुकाबले ट्रम्प पर जो आरोप लगा है, वह अत्यधिक गंभीर है. 

ट्रंप पर राष्ट्रद्रोह या तख्ता-पलट या बगावत का आरोप लगा है. अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के निम्न सदन प्रतिनिधि सदन ने ट्रम्प के विरोध में 205 के मुकाबले 223 वोटों से जो महाभियोग का प्रस्ताव पारित किया है, वह अमेरिकी संविधान, लोकतंत्र की भावना और शांति-भंग के सुनियोजित षडयंत्र का आरोप ट्रंप पर लगा रहा है. 

ट्रंप अब अमेरिका के संवैधानिक इतिहास में ऐसे पहले खलनायक के तौर पर जाने जाएंगे, जिन पर चार साल में दो बार महाभियोग का मुकदमा चला है.

अब यह प्रस्ताव उच्च सदन (सीनेट) में जाएगा. 100 सदस्यीय सीनेट के अध्यक्ष हैं, रिपब्लिकन पार्टी के नेता और उपराष्ट्रपति माइक पेंस. पेंस की सहमति होती तो ट्रंप को बिना महाभियोग चलाए ही चलता किया जा सकता था. 

अमेरिकी संविधान के 25 वें संशोधन के मुताबिक उपराष्ट्रपति और आधा मंत्रिमंडल, दोनों सहमत होते तो ट्रंप को पिछले सप्ताह ही हटाया जा सकता था लेकिन पेंस ने यह गंभीर कदम उठाने से मना कर दिया है. अब सीनेट भी उन्हें तभी हटा सकेगी, जब उसके 2/3 सदस्य महाभियोग का समर्थन करें. 

इसमें दो अड़चनें हैं. एक तो सीनेट का सत्र 19 जनवरी को आहूत होना है. उस दिन यानी एक दिन पहले ट्रंप को हटाना मुश्किल है, क्योंकि इस मुद्दे पर बहस भी होगी. 20 जनवरी को वे अपने आप हटेंगे ही. 

दूसरी अड़चन यह है कि सीनेट में अब भी ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के 52 सदस्य हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी के 48. जो दो नए डेमोक्रेट जीते हैं, उन्होंने अभी शपथ नहीं ली है और 67 सदस्यों से ही 2/3 बहुमत बनता है. 

इसके अलावा माइक पेंस एक भावी राष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाते अपने रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटरों को नाराज नहीं करना चाहेंगे. वे बाइडेन की शपथ के बाद भी महाभियोग जरूर चलाना चाहेंगे ताकि ट्रंप दुबारा चुनाव नहीं लड़ सकें और रिपब्लिकन पार्टी उनसे पिंड छुड़ा सके. 

कई रिपब्लिकन सीनेटर ट्रंप के विरुद्ध खुलेआम बयान दे रहे हैं. अमेरिकी सेनापतियों ने भी संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराकर मंशा प्रकट कर दी है.

Web Title: Ved Pratap Vedic blog: Donald Trump impeachment and issues

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