वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः ट्रम्प और मैक्रों की नोक-झोंक
By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 15, 2018 08:46 PM2018-11-15T20:46:51+5:302018-11-15T20:46:51+5:30
ट्रम्प ने अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही घोषणा कर दी थी कि उनकी नीति है, ‘‘पहले अमेरिका’’ यानी अमेरिकी राष्ट्रहित के खातिर वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। किसी भी राष्ट्र का वे साथ छोड़ सकते हैं और किसी का भी हाथ पकड़ सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच आजकल जैसी नोक-झोंक चल रही है, वैसी चाल्र्स दगाल के जमाने में भी नहीं चली थी।ट्रम्प और मैक्रों के बीच साल भर पहले तक जबर्दस्त मैत्री और अनौपचारिकता देखने को मिलती थी लेकिन इधर प्रथम विश्व युद्ध के शताब्दी समारोह में दोनों नेताओं के बीच काफी कटु शब्दों का आदान-प्रदान हुआ।
ट्रम्प ने अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही घोषणा कर दी थी कि उनकी नीति है, ‘‘पहले अमेरिका’’ यानी अमेरिकी राष्ट्रहित के खातिर वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। किसी भी राष्ट्र का वे साथ छोड़ सकते हैं और किसी का भी हाथ पकड़ सकते हैं।
ट्रम्प जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से तो पहले ही खफा थे अब मैक्रों ने भी उन पर हमला बोल दिया है। मैक्रों ने कहा है कि यूरोपीय देशों को अपनी फौज खुद खड़ी करनी चाहिए। यूरोप को रूस, चीन और अमेरिका से खतरा है। द्वितीय महायुद्ध के बाद ऐसी बात पहली बार दुनिया के कानों में आई है कि यूरोप को अमेरिका से खतरा है।
ट्रम्प ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए जर्मनी और फ्रांस के साझा रवैये की काफी मजाक उड़ाई है। दशकों तक एक-दूसरे के दुश्मने रहे जर्मनी और फ्रांस के आपसी युद्धों की ट्रम्प ने याद दिलाई है। ट्रम्प आजकल अमेरिकी राष्ट्रवाद की प्रतिमूर्ति बने हुए हैं।
मैक्रों का तर्क है कि जो राष्ट्रवादी होते हैं, वे संकीर्ण, स्वार्थी और अल्पदृष्टि होते हैं। वे आखिरकार अपने राष्ट्र का ही नुकसान करते हैं। इस पर ट्रम्प ने ट्वीट किया है कि फ्रांस से ज्यादा राष्ट्रवादी और कौनसा-राष्ट्र है।
उन्होंने यह भी कहा है कि इसीलिए ताजा जनमत संग्रह में मैक्रों को फ्रांस में सिर्फ 26 प्रतिशत लोगों का समर्थन बचा है। उनका कहना है कि बढ़ती बेरोजगारी, गिरते जीवन-स्तर और महंगाई तो मैक्रों संभाल नहीं पा रहे हैं और दूसरों को उपदेश देने पर तुले हुए हैं। पता नहीं, ट्रम्प और मैक्रों की यह नोक-झोंक यूरोप को किधर ले जाएगी ?