शोभना जैन का ब्लॉग: मुशर्रफ के सजा-ए-मौत के ऐलान के बाद पाकिस्तान का दूरगामी परिणाम क्या होगा!

By शोभना जैन | Published: December 22, 2019 04:52 AM2019-12-22T04:52:33+5:302019-12-22T04:52:33+5:30

सेना और असैन्य व्यवस्था पर, खास तौर पर इस ‘रस्साकशी’ का न्यायपालिका के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? क्या यह पाकिस्तान के ताकतवर सैन्य तंत्न के मुकाबले न्यायपालिका के ज्यादा सक्रिय और प्रभावी होने का संकेत है? इस फैसले का पाकिस्तान और विशेष तौर पर पाक सेना के लिए क्या मायने है?

shobhna jain Blog: What will be the far-reaching consequences of Pakistan after Musharraf's declaration of punishment-a-death | शोभना जैन का ब्लॉग: मुशर्रफ के सजा-ए-मौत के ऐलान के बाद पाकिस्तान का दूरगामी परिणाम क्या होगा!

शोभना जैन का ब्लॉग: मुशर्रफ के सजा-ए-मौत के ऐलान के बाद पाकिस्तान का दूरगामी परिणाम क्या होगा!

Highlightsवैसे सजा की घोषणा के बाद पाकिस्तानी सेना ने अपनी ओर से बयान जारी कर कहा कि परवेज मुशर्रफ देशद्रोही नहीं हो सकते, ऐसे में क्या मुशर्रफ को फांसी हो पाएगी?तीन सदस्यीय विशेष अदालत की पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को छह साल तक कानूनी मामला चलने के बाद देशद्रोह को लेकर मंगलवार को उनकी गैरमौजूदगी में फांसी की सजा सुनाई थी.

पाकिस्तान में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को फांसी के चर्चित फैसले के बाद  सवाल है कि क्या इस तरह के ‘असाधारण फैसले’ का पाकिस्तान की व्यवस्था पर दूरगामी असर पड़ेगा? यह पहली बार है जबकि पाकिस्तान जैसे देश में, जहां सेना इतनी ताकतवर है, और खुद मौजूदा इमरान सरकार वहां की सेना की बैसाखी पर टिकी है, किसी पूर्व सैन्य शासक को देशद्रोह के आरोप में दोषी ठहराया गया है.

वहां सेना और असैन्य व्यवस्था पर, खास तौर पर इस ‘रस्साकशी’ का न्यायपालिका के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? क्या यह पाकिस्तान के ताकतवर सैन्य तंत्न के मुकाबले न्यायपालिका के ज्यादा सक्रिय और प्रभावी होने का संकेत है? इस फैसले का पाकिस्तान और विशेष तौर पर पाक सेना के लिए क्या मायने है?

वैसे सजा की घोषणा के बाद पाकिस्तानी सेना ने अपनी ओर से बयान जारी कर कहा कि परवेज मुशर्रफ देशद्रोही नहीं हो सकते और क्या मुशर्रफ को फांसी हो पाएगी?

हालांकि, फिलहाल तो यही लगता है कि इस फैसले की तामील नहीं होगी लेकिन फिर भी इस फैसले ने वर्तमान व्यवस्था में बेहद अहम उथल-पुथल के संकेत तो दिए ही हैं और खास तौर पर जिस तरह से तीन सदस्यीय पीठ के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ ने अपने फैसले में कहा कि यदि फांसी दिए जाने से पहले मुशर्रफ की मौत हो जाती है तो उनके शव को इस्लामाबाद के सेंट्रल स्क्वायर पर खींचकर लाया जाए और तीन दिन तक लटकाया जाए.

तीन सदस्यीय विशेष अदालत की पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को छह साल तक कानूनी मामला चलने के बाद देशद्रोह को लेकर मंगलवार को उनकी गैरमौजूदगी में फांसी की सजा सुनाई थी. इस विस्तृत फैसले में पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ द्वारा फांसी के तौर-तरीके को लेकर सवाल और भी गहरे और गंभीर हैं, यानी सवाल कई हैं, बड़े गहरे हैं..

पाकिस्तान और विशेष तौर पर पाक सेना के लिए इस सजा के आदेश के क्या मायने हैं? वैसे सजा की घोषणा के बाद पाकिस्तानी सेना ने अपनी ओर से बयान जारी कर कहा कि परवेज मुशर्रफ देशद्रोही नहीं हो सकते. सेना का कहना है कि यह फैसला सारे इंसानों, धर्मो और सभ्यताओं के खिलाफ है. दुबई के एक अस्पताल में इलाज करा रहे मुशर्रफ ने जहां इस फैसले को चुनौती देने की बात कहते हुए इसे ‘निजी तौर पर बदले की कार्रवाई’ बताया वहीं इमरान सरकार इस फैसले से उत्पन्न स्थिति से निपटने के तरीके पर विचार कर रही है.

वहीं ऐसे भी संकेत हैं कि इमरान सरकार इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी. मुशर्रफ के तौर-तरीकों से खफा लोग भी इस तौर-तरीके को मध्ययुगीन दौर की काली व्यवस्था की ओर लौटने की चेतावनी मान रहे हैं.

गौरतलब है कि मुशर्रफ ने तीन नवंबर 2007 को संविधान को स्थगित कर इमरजेंसी लागू कर दी थी. इस मामले में उनके खिलाफ दिसंबर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्नी नवाज शरीफ के कार्यकाल में सुनवाई शुरू हुई थी जिन्हें उन्होंने पद से हटाया था.

मार्च 2014 में उन्हें देशद्रोह का दोषी पाया गया. हालांकि, अलग-अलग अपीली फोरम में मामला चलने की वजह से मुशर्रफ का मामला टलता चला गया और  धीमी न्याय प्रक्रिया का लाभ उठाते हुए मार्च 2016 में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और दुबई चले गए.

मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में शासन किया. वे पाकिस्तान के पहले सैन्य शासक हैं, जिनके खिलाफ कोर्ट में मामला चलाया गया. मुशर्रफ सजा से बचने के लिए हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दायर कर चुके हैं. बीमारी की दलील देकर पाकिस्तान लौटने में असमर्थता जता चुके हैं.  बहरहाल, इन तमाम सवालों के मद्देनजर देखना होगा कि इस फैसले के पाकिस्तान की व्यवस्था पर क्या दूरगामी परिणाम होंगे.  
 

Web Title: shobhna jain Blog: What will be the far-reaching consequences of Pakistan after Musharraf's declaration of punishment-a-death

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