शोभना जैन का ब्लॉग: न्यूजीलैंड-स्कार्फसे बंधा प्रेम, दृढ़ता का बंधन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 24, 2019 02:52 PM2019-03-24T14:52:00+5:302019-03-24T14:52:00+5:30
न्यूजीलैंड के आधुनिक इतिहास के इस सर्वाधिक नृशंस आतंकी हमले में हमलावर ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर पचास लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
सिर पर स्कार्फ ओढ़े, डबडबाई आंखें, लेकिन साथ में आतंक से दृढ़ता से निपटने का भाव.. न्यूजीलैंड में हाल के आतंकी हमलों से भयाक्रांत मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को गले लगाती वहां की प्रधानमंत्नी जेसिंडा अर्डर्न उन्हें तसल्ली और भरोसा दिलाती, ऐसी तस्वीर इन दिनों दुनियाभर में छाई हुई है.
ये तस्वीर प्रेम, सहिष्णुता और भरोसा दिलाने के साथ आतंक और अपराध से दृढ़तापूर्वक निपटने का संदेश बन गई है, विश्व बिरादरी के सम्मुख एक सीख बन कर उभरी है. आज के दौर में जब दुनिया में बदले का शोर तर्कसंगत आवाजों पर हावी होता जा रहा है, न्यूजीलैंडवासियों की प्रधानमंत्नी प्रेम, भरोसा और दृढ़ता की पाठशाला बन उभरी हैं.
गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के आधुनिक इतिहास के इस सर्वाधिक नृशंस आतंकी हमले में हमलावर ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर पचास लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. हमले के फौरन बाद जहां कुछ कांपती सी आवाज में अर्डर्न ने पीड़ित समुदाय के प्रति संवेदना और करुणा व्यक्त की, वहीं उनकी इस आवाज में आतंक से निपटने की दृढ़ता थी.
संसद में पूरी दृढ़ता के साथ उन्होंने साफ तौर पर आतंकी के अपराध के जरिये सुर्खियां बटोरने के एजेंडे को ध्वस्त करते हुए कहा ‘वह आतंकी अपराधी है और मैं कभी भी उसका नाम नहीं लूंगी.’
इस हादसे के बाद अर्डर्न सही मायने में एक विश्व नेता के रूप में उभरी हैं, जिसमें प्रेम और करुणा के साथ निर्णय लेने और उन्हें कार्य रूप देने की क्षमता है. न्यूजीलैंड के सामाजिक और राजनैतिक पहलुओं के एक जानकार के अनुसार ऐसा नहीं है कि न्यूजीलैंड में रंगभेद नहीं है, लेकिन ऐसी बुराइयों से निपटने में जिस सुदृढ़ नेतृत्व की जरूरत होती है, प्रधानमंत्नी अर्डर्न ने साबित कर दिया कि वो सब उनमें है.
दरअसल दुनिया उन्हें अभी तक एक ऐसी प्रधानमंत्नी के रूप में ज्यादा जानती थी जो अपने कार्यकाल में मां बनीं लेकिन अब उन्होंने एक ऐसे नेतृत्व का परिचय दिया है जिसमें प्रेम और करुणा के साथ दृढ़ इच्छा शक्ति है.
क्र ाइस्ट चर्च हमले के एक हफ्ते पूरे होने पर प्रधानमंत्नी जेसिंडा अर्डर्न की घोषणा के बाद गत शुक्र वार पूरे देश में मस्जिदों से अजान का सीधा प्रसारण किया गया और दो मिनट का मौन रखा गया. अर्डर्न ने इस मौके पर कहा, ‘जरूरी है कि मुसलमानों को अपने अकेले होने का अहसास न हो, हम सब उनके साथ हैं और मुसलमान हमारे हैं.’ हमले में बच गए अल नूर मस्जिद के इमाम ने नमाज से पहले जब श्रद्धालुओं के साथ अर्डर्न और बड़ी तादाद में मौजूद स्थानीय लोगों से कहा, ‘आपके आंसुओं, करुणा के लिए आभार और प्रधानमंत्नी अर्डर्न आभार आपका, हमारे परिवारों को स्नेह और भरोसे के बंधन में बांधे रखने का और एक सादा से स्कार्फ से हममें से एक होने का एहसास दिलाने का’ तो चुप्पी से भरे इस माहौल में डबडबाई आंखें दिखाई दीं और सुबकियां सुनाई दीं.