अवधेश कुमार का ब्लॉगः पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा
By अवधेश कुमार | Published: March 27, 2019 08:40 AM2019-03-27T08:40:31+5:302019-03-27T08:40:31+5:30
सच यही है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय कट्टरपंथियों के रहमोकरम पर निर्भर है. इनका सबसे ज्यादा शिकार लड़कियां होती हैं. भारत ने अपने उच्चायोग से रिपोर्ट मंगाई है. इस रिपोर्ट के बाद भारत को मामला अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर उठाकर पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने का कदम उठाने के लिए मजबूर करने की कोशिश करनी होगी.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो दिनों में तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों का अपहरण और उनका जबरन धर्मपरिवर्तन किए जाने की खबरें विचलित करने वाली हैं. इन लड़कियों का जबरन निकाह तक करा देना बताता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की क्या दशा है. हालांकि इस पर हंगामा मचने तथा भारत के सक्रिय होने के बाद पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं. यह पता नहीं चला कि उन लड़कियों को रिहा कर उनके परिवार तक पहुंचाया गया या नहीं. जांच शुरू भी नहीं हुई कि फिर एक लड़की के अपहरण और धर्मपरिवर्तन की खबर आ गई.
जब विदेश मंत्नी सुषमा स्वराज ने यह मामला उठाया तथा बाजाब्ता पत्न लिखा तो पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति उठाई, इसे अपना आंतरिक मामला बताया. पाकिस्तान के सूचना मंत्नी फवाद चौधरी ने स्वराज से ट्विटर पर जुबानी जंग छेड़ दी. हालांकि स्वराज ने उनकी अच्छी तरह खबर ली. सवाल है कि अब पाकिस्तान क्या कहेगा?
केवल यह कहने से तो काम नहीं चलेगा कि उनके नेशनल फ्लैग का सफेद रंग अल्पसंख्यकों का है. पाकिस्तान में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. हर कुछ अंतराल पर ऐसी खबरें आती रहती हैं, कुछ खबरें तो आती ही नहीं. कट्टरपंथियों के डर से अनेक पीड़ित परिवार चुप रह जाते हैं. कई बार अपहृत लड़कियां भयवश अदालत के सामने सच नहीं बोल पातीं.
सच यही है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय कट्टरपंथियों के रहमोकरम पर निर्भर है. इनका सबसे ज्यादा शिकार लड़कियां होती हैं. भारत ने अपने उच्चायोग से रिपोर्ट मंगाई है. इस रिपोर्ट के बाद भारत को मामला अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर उठाकर पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने का कदम उठाने के लिए मजबूर करने की कोशिश करनी होगी. यह भारत का दायित्व है. पाकिस्तान ने विभाजन के बाद एक समझौते द्वारा अल्पसंख्यकों की पूरी सुरक्षा तथा उन्हें कानून के समक्ष समानता का अधिकार देने का लिखित वायदा किया हुआ है. उसे इसका पालन करना होगा.