राजेश बादल का ब्लॉग: पाकिस्तान पर सवार भारत से भय का भूत
By राजेश बादल | Published: January 19, 2021 10:01 AM2021-01-19T10:01:20+5:302021-01-19T10:13:06+5:30
पाकिस्तान में जो कुछ बुरा हो, उसके लिए भारत पर आरोप मढ़ देने की रवायत पुरानी है। यहां तक कि पाकिस्तान में जब हाल में कई शहरों में बिजली उत्पादन केंद्र में गड़बड़ी के कारण बिजली गई तो भी आरोप भारत पर भी लगाए गए।
पाकिस्तान के सियासी मंच पर आजकल भारत की प्रेत छाया मंडरा रही है. मुल्क के हर मसले की जड़ में हुक्मरानों को हिंदुस्तान का हाथ नजर आता है. यह कोई नई बात नहीं है. पहले भी वहां के सत्ताधीश अपनी नाकामियां छिपाने के लिए भारत के प्रति नफरत का जहर उगलते रहे हैं.
अवाम का अत्यंत छोटा सा हिस्सा इस जहरीली मुहिम का शिकार होता रहा है लेकिन बड़ी आबादी का दिल आज भी हिंदुस्तान के लोगों से मेलजोल और बेहतर रिश्तों के लिए धड़कता है. हुकूमत ए पाकिस्तान ने कभी इस धड़कन को पढ़ने या महसूस करने की जरूरत ही नहीं समझी. इन दिनों वहां के सियासी माहौल का केंद्रबिंदु भारत है.
नवाज शरीफ ने लगाए हैं इमरान खान पर गंभीर आरोप
दरअसल प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी इन दिनों इस बात से परेशान हैं कि लंदन में बैठे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उनकी पार्टी तहरीके इंसाफ पर मय सबूतों के करोड़ों के गोलमाल का आरोप लगाया है. बाकायदा ऑनलाइन संबोधन में उन्होंने अपने हजारों समर्थकों से यह बात कही.
मियां नवाज शरीफ का कहना है कि इमरान खान के दल ने सत्ता में आने के लिए जिन देशों से चंदा लिया था, उनमें एक भारत भी है. लंदन में निर्वासित इस पूर्व वजीरे आजम का दावा है कि पाकिस्तानी चुनाव आयोग इमरान खान को बचा रहा है. जिस दिन भी उनकी पार्टी के दस्तावेजों की पड़ताल हुई, सारा घोटाला उजागर हो जाएगा.
छह बरस पहले स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने चुनाव आयोग को तहरीके इंसाफ के 23 खातों की जानकारी दी थी. इनमें लगातार विदेशों से पैसा आता था. पार्टी सुप्रीमो इमरान खान ने इनमें से 15 खातों की जानकारी चुनाव आयोग से छिपा ली. नवाज शरीफ के मुताबिक इन्हीं आठ खातों में भारत से आए धन का ब्यौरा है.
इमरान को मिला पाकिस्तानी फौज का साथ!
अगर वक्त पर चुनाव आयोग ने फैसला लिया होता तो इमरान खान पद के लिए अयोग्य घोषित हो जाते और उनकी पार्टी का पंजीयन रद्द हो जाता. फौज के दबाव में चुनाव आयोग ने इमरान खान को संरक्षण दिया. इसीलिए मुल्क में चल रहा संयुक्त विपक्ष का आंदोलन इस बात को जोर-शोर से उठा रहा है कि इमरान खान को सेना ने गद्दी सौंपी है, देश की जनता ने नहीं.
इमरान खान ने उत्तर में उल्टे विपक्षी दलों के खातों की जांच का अनुरोध चुनाव आयोग से किया है. सूत्रों की मानें तो इमरान खान का कहना है कि हिंदुस्तान से पैसा तो विपक्षी पार्टियों ने लिया है. जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा.
मियां नियाजी को यह समझने की जरूरत है कि जिस शख्स के जमाने में कारगिल जंग हुई, वही अब भारत से चंदा क्यों कर लेगा? दूसरा यह कि नवाज शरीफ का खानदान तो पाकिस्तान के जन्म से ही चुनिंदा उद्योगपतियों में शुमार था. पार्टी चलाने के लिए उन्हें आज भी कहीं हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं है.
पाकिस्तान में बिजली गई तो भी भारत पर आरोप!
पाकिस्तान पर हिंदुस्तान के खौफ का एक और नजारा हाल ही में देखने को मिला. सिंध प्रांत के बिजली उत्पादन केंद्र में गड़बड़ी के चलते करीब-करीब समूचे देश में अंधेरा छा गया. ट्विटर से लेकर मीडिया के तमाम अवतारों पर खबर दौड़ने लगी कि भारत ने हमला कर दिया है.
सरकारी हलकों में हवाई हमले करने और थल सेना के मार्च करने की बातें होने लगीं. कहा गया कि अबकी बार भारत कश्मीर का बाकी हिस्सा छीन लेगा. इस पड़ोसी देश को सामान्य होने में एक सप्ताह लग गया.
पाकिस्तान की छीछालेदर होती रही है
इसके बाद पाकिस्तान की सरकारी विमान सेवा के एक बोइंग को मलेशिया में उड़ान भरने से ठीक पहले अपमानजनक ढंग से रोक दिया गया.
विमान के पायलट तथा पूरे स्टाफ और मुसाफिरों को जबरन उतार दिया गया. कारण यह था कि जिस कंपनी ने लीज पर यह विमान पाकिस्तान को दिया था, उसका पैसा वहां के विमान सेवा विभाग ने लंबे समय से नहीं चुकाया था. कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई.
पाकिस्तान में मगर प्रचारित किया गया कि इसके पीछे भी भारत का हाथ है और जानकारों के मुताबिक बोइंग -777 को लीज पर देने वाली कंपनी का मालिक भारतीय है इसलिए भारत ने यह साजिश रची है.
इस मानसिकता का कोई उत्तर नहीं है. ध्यान देने की बात यह है कि पाकिस्तान की सरकारी एयर लाइंस ने अपने बेड़े में करीब 15 विमान लीज पर लिए हैं और सबकी लीज चुकाने की स्थिति में पाकिस्तान नहीं है.
पाकिस्तान की बुनियाद ही भय और नफरत है
अब ऐसे मुल्क का क्या किया जाए, जिसकी बुनियाद ही अपने पड़ोसी से भय और नफरत के आधार पर टिकी हो. प्रधानमंत्री इमरान खान ने ख़ुद पर भारत से चंदा उगाहने के आरोप के बारे में कहा कि असल में लोकतंत्र के विरोधी तत्व यह सब कर रहे हैं.
पाकिस्तान में जम्हूरियत को बचाने की लड़ाई चल रही है. अपने बारे में इमरान कहते हैं कि वे अकेले हैं, जिनकी परवरिश फौजी पाठशाला में नहीं हुई अन्यथा पाकिस्तान में तो सामंतों का राज रहा है. सेना और आईएसआई उन्हें पालती रही है. यहां तो मां की वसीयत लेकर पच्चीस बरस का एक नौजवान नेता बन जाता है.
कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को समझाए कि लोकतंत्र वहां है ही कहां, जो उसे बचाने की लड़ाई हो. सच्चाई तो यह है कि जिस दिन पाकिस्तान में लोकतंत्र कायम हो जाएगा, उसी दिन वह हिंदुस्तान बन जाएगा.