हाफिज सईद पर पाकिस्तान की नौटंकी, वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग
By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 23, 2020 12:22 PM2020-11-23T12:22:41+5:302020-11-23T12:24:18+5:30
हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने लगभग 75 करोड़ रु . का इनाम 2008 में घोषित किया था लेकिन वह 10-11 साल तक पाकिस्तान में खुला घूमता रहा.
पाकिस्तान की जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को 10 साल की जेल की सजा हो गई है. वह पहले से ही लाहौर में 11 साल की जेल काट रहा है. अब ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. ये सजाएं पाकिस्तान की ही अदालतों ने दी हैं. क्यों दी हैं?
क्योंकि पेरिस के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कोष संगठन ने पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद कर रखा है. उसने पाकिस्तान का नाम अपनी भूरी सूची में डाल रखा है, क्योंकि उसने सईद जैसे आतंकवादियों को अभी तक छुट्टा छोड़ रखा था. हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने लगभग 75 करोड़ रु . का इनाम 2008 में घोषित किया था लेकिन वह 10-11 साल तक पाकिस्तान में खुला घूमता रहा.
किसी सरकार की हिम्मत नहीं हुई कि वह उसे गिरफ्तार करती. इसलिए कि हाफिज सईद तो उन्हीं का खड़ा किया गया पुतला था. जब मेरे-जैसा घनघोर राष्ट्रवादी भारतीय पत्नकार उसके घर में बेरोक-टोक जा सकता था तो पाकिस्तान की पुलिस क्यों नहीं जा सकती थी? अमेरिका ने जो 75 करोड़ रु. का पुरस्कार रखा था, वह भी किसी ढोंग से कम नहीं था. यदि वह ओसामा बिन लादेन को उसके गुप्त ठिकाने में घुसकर मार सकता था तो सईद को पकड़ना उसके लिए कौन सी बड़ी बात थी? लेकिन सईद तो भारत में आतंक फैला रहा था.
अमेरिका को उससे कोई सीधा खतरा नहीं था. अब जबकि खुद पाकिस्तान की सरकार का हुक्का-पानी खतरे में पड़ा तो देखिए, उसने आनन-फानन सईद को अंदर कर दिया. उसकी यह गिरफ्तारी भी दुनिया को एक ढोंग ही मालूम पड़ रही है. सईद और उसके साथी जेल में जरूर रहेंगे लेकिन इमरान-सरकार के दामाद की तरह रहेंगे. अब उनके खाने-पीने, दवा-दारु और आने-जाने का खर्चा भी पाकिस्तान सरकार ही उठाएगी. उन्हें राजनीतिक कैदियों की सारी सुविधाएं मिलेंगी. आंदोलनकारी कैदी के रूप में मैं खुद कई बार जेल काट चुका हूं.
जेल-जीवन के आनंद का क्या कहना? भारत में आतंकवाद फैलाकर इन तथाकथित जिहादियों ने, पाक फौज और सरकार की जो सेवा की है, उसका पारितोषिक अब उन्हें जेल में मिलेगा. ज्यों ही पाकिस्तान भूरी से सफेद सूची में आया कि ये आतंकवादी रिहा हो जाएंगे. अपने आतंकवादियों के कारण पाकिस्तान सारी दुनिया में ‘नापाकिस्तान’ बन गया है और भारत, अफगानिस्तान से ज्यादा निदरेष मुसलमान पाकिस्तान में मारे गए हैं.