शोभना जैन का ब्लॉग: मोदी और ट्रम्प की मुलाकात से बनेगी बात?

By शोभना जैन | Published: June 22, 2019 06:45 AM2019-06-22T06:45:53+5:302019-06-22T06:45:53+5:30

कुछ अमेरिकी कंपनियों ने भारत सरकार के इस कदम का विरोध किया है क्योंकि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा. रिपोर्टो के अनुसार भारत सरकार के इस प्रावधान से नाराज होकर अमेरिका एच-1बी वीजा की संख्या को सीमित करने पर विचार कर रहा है.

Narendra modi and donald trump meet will exclusive for both countries | शोभना जैन का ब्लॉग: मोदी और ट्रम्प की मुलाकात से बनेगी बात?

शोभना जैन का ब्लॉग: मोदी और ट्रम्प की मुलाकात से बनेगी बात?

अगले सप्ताह जापान के ओसाका शहर में होने वाले जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच होने वाली अहम द्विपक्षीय मुलाकात से पहले अमेरिकी विदेश मंत्नी माइक पोम्पियो की गत सप्ताह ‘मोदी हैं तो मुमकिन है’ वाली टिप्पणी ‘भावी द्विपक्षीय संबंधों’ के स्वरूप को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है. यह टिप्पणी ऐसे वक्त की गई जब  अनेक फौरी मसले हैं जिन्हें लेकर दोनों देशों के बीच संबंध असहजता के दौर से गुजर रहे हैं.

दोनों शीर्ष नेताओं के बीच इस मुलाकात से ठीक पहले पोम्पियो अगले सप्ताह 25-27 जून की भारत यात्ना पर आ रहे हैं, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा करने के साथ ही विदेश मंत्नी एस. जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्नी के साथ दोनों शीर्ष नेताओं के बीच होने वाली वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप देंगे. ऐसे में पोम्पियो के इस तरह के बयान से विचाराधीन ‘उलझें  मुद्दों’ को सुलझाने में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए जाने की उम्मीद है.  


दोनों देशों के बीच फौरी ‘असहजता’ वाले मुद्दों में अमेरिका द्वारा भारत पर ई-कॉमर्स क्षेत्न को खोल देने के लिए दबाव बनाने के लिए एच-1बी वीजा को हथियार बतौर इस्तेमाल किए जाने की धमकी चिंताजनक है. विशेष तौर पर भारतीय प्रौद्योगिकी प्रोफेशनल्स  के लिए अमेरिका द्वारा वीजा को 15 प्रतिशत सीमित किए जाने से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्न पर बुरा असर पड़ेगा. गौरतलब है कि भारत सरकार ने पिछले साल भुगतान सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए देश के नागरिकों से जुड़ी तमाम जानकारी और आंकड़ों को भारत में ही रखने को कहा है. इन जानकारियों को विदेश में नहीं देखा जा सकेगा.

कुछ अमेरिकी कंपनियों ने भारत सरकार के इस कदम का विरोध किया है क्योंकि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा. रिपोर्टो के अनुसार भारत सरकार के इस प्रावधान से नाराज होकर अमेरिका एच-1बी वीजा की संख्या को सीमित करने पर विचार कर रहा है.यह वीजा अमेरिका में काम करने के लिए जाने वाले सभी देशों के आईटी पेशेवरों को दियाजाता है एक तरफ जबकि अमेरिका और चीन के व्यापारिक युद्ध को लेकर पूरी दुनिया में संकट के बादल हैं, वहीं भारत और अमेरिका के बीच  भी इन ‘व्यापारिक मतभेदों’ को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में ‘असहजता’ सी आ गई है.

हालांकि ईरान से तेल नहीं खरीदने के अमेरिकी अल्टीमेटम जैसे कुछ मुद्दों को अगर अलग रखें तो रिश्तों का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि  दोनों देशों के बीच पिछले काफी समय से बढ़ती सामरिक साङोदारी सहित अन्य क्षेत्नों में बढ़ते सहयोग में संभावनाओं के नए अवसर भी बन रहे हैं

Web Title: Narendra modi and donald trump meet will exclusive for both countries

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