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ब्लॉग: फ्रांस के साथ भारत की साझेदारी ऐतिहासिक दौर में

By अवधेश कुमार | Updated: July 17, 2023 14:21 IST

फ्रांस के बैस्टिल डे परेड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि अपने सदियों पुराने लोकाचार से प्रेरित भारत विश्व को शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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ठळक मुद्देफ्रांस के बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्हें ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानिक किया गया था। यही नहीं 70 साल में पहली बार किसी विदेशी नेता के सम्मान में लूव्र के बैंक्वेट हॉल को खोला गया है।

पेरिस:  फ्रांस की राजधानी पेरिस में राष्ट्रीय दिवस समारोह बैस्टिल डे परेड में फ्रांसीसी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के तीनों अंगों के 241 सदस्यीय मार्चिंग दस्ते को परेड करते, सैनिक बैंड द्वारा सारे जहां से अच्छा धुन बजाते सुन तथा राफेल विमानों को परेड के दौरान फ्लाईपास्ट का हिस्सा बनता देख समूचे भारत ने गर्व का अनुभव किया है. 

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और पीएम मोदी ने क्या ट्वीट किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था. मैक्रों ने ट्वीट में लिखा, विश्व इतिहास में एक विशालकाय, भविष्य के लिए निर्णायक भूमिका निभाने वाला देश, रणनीतिक साझेदार, मित्र. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया कि अपने सदियों पुराने लोकाचार से प्रेरित भारत विश्व को शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है. एक मजबूत और भरोसेमंद भागीदार होने के लिए 1.4 अरब भारतीय हमेशा फ्रांस के आभारी रहेंगे. सन् 2009 में भी फ्रांस ने नेशनल डे परेड में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित किया था. 

फ्रांस का बैस्टिल डे क्यों है महत्वपूर्ण

फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल डे इसलिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यह 1789 की प्रसिद्ध फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल जेल पर हमला कर कैदियों को मुक्त कराने का दिवस है. वहीं से फ्रांस में परिवर्तन की शुरुआत हुई. आधुनिक विश्व में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का नारा फ्रांस की क्रांति से ही निकला माना जाता है. 

फ्रांस ने अपना सबसे बड़ा नागरिक और सैन्य सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर प्रधानमंत्री मोदी को दिया. इसके पूर्व यह नेल्सन मंडेला, जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुतरस घाली को दिया गया. राष्ट्रपति मैक्रों ने लूव्र संग्रहालय में मोदी के सम्मान में दावत दी. 

पीएम मोदी के लिए फ्रांस में 70 साल बाद यह हुआ 

70 वर्ष में पहली बार फ्रांस ने किसी विदेशी नेता के सम्मान में लूव्र के बैंक्वेट हॉल को खोला. 1953 में यहां ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के सम्मान में भोज दिया गया था. राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री को एक उपहार दिया जिसमें 1916 में ली गई तस्वीर की प्रति है. 

इसमें एक व्यक्ति इंडियन एक्सपीडिशनरी फोर्स आईएएफ अधिकारी को फूल भेंट कर रहा है. यह तस्वीर उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने 1914-1918 में फ्रांस के साथ यूरोप में लड़ाई लड़ी थी. 

भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम ने क्या कहा

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बता दिया था कि जिस रेजीमेंट के जवानों ने तब फ्रांस की रक्षा के लिए संघर्ष किया, अपना बलिदान दिया उसके पंजाब रेजीमेंट के जवान भी इस परेड में हिस्सा लेने जा रहे हैं. 

इसके बाद यह बताने की आवश्यकता नहीं कि मैक्रों प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को किस तरह का सम्मान दिया और वह किस स्तर का संबंध और साझेदारी मानते हैं. 

टॅग्स :फ़्रांसनरेंद्र मोदीइमेनुअल मेक्रो
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