'अगर भारत-पाकिस्तान मिलकर अफगानिस्तान में काम करें तो पूरे दक्षिण एशिया का ही बदल जाएगा नक्शा'

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 5, 2018 05:48 AM2018-09-05T05:48:30+5:302018-09-05T05:48:30+5:30

भारत ने अफगानिस्तान में अस्पताल, स्कूल, बिजोलीघर, नहर, संसद भवन आदि इतने निर्माण कार्य किए हैं कि भारत प्रत्येक अफगान की आंख का तारा बना हुआ है। भारत के सैकड़ों डॉक्टरों, इंजीनियरों, अध्यापकों, कूटनीतिज्ञों आदि ने अपनी जान खतरे में डालकर अफगानों की सेवा की है। 

If India-Pakistan work together in Afghanistan then the whole South Asia map will be changed | 'अगर भारत-पाकिस्तान मिलकर अफगानिस्तान में काम करें तो पूरे दक्षिण एशिया का ही बदल जाएगा नक्शा'

'अगर भारत-पाकिस्तान मिलकर अफगानिस्तान में काम करें तो पूरे दक्षिण एशिया का ही बदल जाएगा नक्शा'

पाकिस्तान के सूचना मंत्नी फवाद चौधरी ने कहा है कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका हो। इस मुद्दे पर अमेरिका से उसका पक्का मतभेद है। अमेरिका चाहता है कि अफगानिस्तान के लोकतंत्र और उसके पुनर्निर्माण में भारत की भूमिका विशेष हो। अब से 30-35 साल पहले अमेरिका भी वही चाहता था, जो पाकिस्तान चाहता है लेकिन सारी दुनिया देख रही है कि भारत ने अफगानिस्तान को अपने पांव पर खड़ा करने के लिए अब तक 15 हजार करोड़ रु. से ज्यादा खर्च कर दिए हैं और जरंज-दिलाराम सड़क-निर्माण में उसके दर्जनों कारीगरों का बलिदान हुआ है। 

भारत ने अफगानिस्तान में अस्पताल, स्कूल, बिजोलीघर, नहर, संसद भवन आदि इतने निर्माण कार्य किए हैं कि भारत प्रत्येक अफगान की आंख का तारा बना हुआ है। भारत के सैकड़ों डॉक्टरों, इंजीनियरों, अध्यापकों, कूटनीतिज्ञों आदि ने अपनी जान खतरे में डालकर अफगानों की सेवा की है। 

पिछले 50 वर्षो में अफगानिस्तान के बादशाह जाहिरशाह, सभी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों से मेरी बात होती रही है तथा फारसी बोलने के कारण आम अफगानों से भी मेरा संवाद होता रहा है। मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूं कि यदि भारत और पाकिस्तान मिलकर अफगानिस्तान में काम करें तो पूरे दक्षिण एशिया का नक्शा ही बदल जाएगा। 

पाकिस्तान के कई राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को मैंने कई बार काबुल में भारत-पाक सहयोग के फायदे गिनाए तो वे मेरी बात से सहमत हुए लेकिन उन्होंने इस नए प्रयोग के लिए हिम्मत नहीं दिखाई। भारत के प्रधानमंत्रियों को भी इसके अमल पर कुछ न कुछ संकोच रहा लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी विदेश मंत्नी सुषमा स्वराज जब पाकिस्तानी विदेश मंत्नी शाह महमूद कुरैशी से न्यूयार्क में मिलेंगी, तब वे चाहें तो पाकिस्तान को इस महान प्रयोग के लिए वे तैयार कर सकती हैं।

Web Title: If India-Pakistan work together in Afghanistan then the whole South Asia map will be changed

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