दुनिया अभी रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच करीब 600 दिनों से चल आ रहे युद्ध का हल तो ढूंढ़ ही नहीं पाई थी कि फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास ने इजराइल में घुसकर हमला कर दिया। आतंकी संगठन हमास ने एक साथ इजराइल पर हवाई, जमीनी और समुद्री सीमा से आधुनिक तकनीकों और हथियारों का इस्तेमाल करते हुए जंग छेड़ी दी। गाजा पट्टी से इजराइल पर करीब 7000 रॉकेट दागे गए।
वहीं, सैकड़ों आतंकियों ने पैराग्लाइडर्स से कई शहरों में उतरकर हमला किया। इस हमले में ज्यादातर आम नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। 300 से ज्यादा लोगों के मारे गए और 2000 के घायल होने की खबरें हैं। हमास और इजराइल के बीच 2001 से जंग चल रही है। अब जवाब में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध की घोषणा कर दी है।
इजराइल ने आसमानी हमले से बचने के लिए इस्पाती छत्र (आयरन डोम) यानी लोहे का कवच को अमेरिका की तकनीकी मदद से बनाया था, लेकिन सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से यह कवच जवाबी हमले में नाकाम रहा। इजराइल की खुफिया एजेंसियों को भी इस हमले की खबर कानोंकान नहीं लग पाई।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच यह युद्ध ऐसे समय छिड़ा है, जब दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध से परेशान तो है ही, उसका कोई समाधान भी नहीं खोज पाई है। अब युद्ध शरणार्थियों का संकट कई देशों को झेलना पड़ रहा है। अनाज, घर और स्वास्थ्य से जुड़ी दवाओं की कमी से भी इन देशों को जूझना पड़ रहा है। अब विश्व शांति के लिए एक नया खतरा खड़ा हो गया है।
इजराइल 1948 में स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया था। तभी से वह मध्य-पूर्व देशों में सक्रिय आतंकी संगठनों की मार झेल रहा है। इनमें हिजबुल्ला, हमास शामिल हैं। इजराइल और इन आतंकी संगठनों के बीच गाजा पट्टी पर संघर्ष जारी रहता है। यह पट्टी 30 मील लंबी और सात मील चौड़ी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा खुला इलाका है।
हमास फिलिस्तीन और कतर समेत मध्य-पूर्व के अनेक देशों में सक्रिय है। 1987 में यह संगठन अस्तित्व में आया था। इसे मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन का ही हिस्सा माना जाता है। संगठन को आर्थिक मदद सऊदी अरब और ईरान से मिलती है। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी पर 2006 से यह जंग लगातार जारी है। इसे फिलिस्तीन के गृहयुद्ध की भी संज्ञा दी जाती है।
साफ है कि आतंकवाद को लेकर दुनिया दो खेमों में बंटी हुई है। जो देश शांति की भूमिका रचने के पैरोकार बन रहे हैं, वही देश इन दोनों देशों को युद्ध की सामग्री भी बेचते हैं। साफ है कि पेट्रोल से आग बुझाने का खेल खेला जा रहा है।