ब्लॉग: पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में अब आर्थिक संकट, चीन ने मुंह फेरा...अब भारत से आस

By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 10, 2022 10:01 AM2022-08-10T10:01:59+5:302022-08-10T10:01:59+5:30

बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति दक्षिण एशिया में सबसे तेज मानी जा रही थी. हालांकि अब वह भी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. जनता ने बगावत का झंडा थाम लिया है. ऐसे में शेख हसीना की सही सहायता इस समय भारत ही कर सकता है.

After Pakistan, now economic crisis in Bangladesh, hope from India for help | ब्लॉग: पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में अब आर्थिक संकट, चीन ने मुंह फेरा...अब भारत से आस

पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में अब आर्थिक संकट (फाइल फोटो)

श्रीलंका और पाकिस्तान की विकट आर्थिक स्थिति पिछले कुछ माह से चल ही रही है और अब बांग्लादेश भी उसी राह पर चलने को मजबूर हो रहा है. जिस बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति दक्षिण एशिया में सबसे तेज मानी जा रही थी, वह अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने पाकिस्तान की तरह झोली फैलाने को मजबूर हो रहा है. 

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी ढाका का खाली चक्कर लगा लिया लेकिन इस समय बांग्लादेश इतने बड़े कर्ज में डूब गया है कि 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाने के लिए उसके पास कोई इंतजाम नहीं है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ताइवान के मसले पर चीन को मक्खन लगाने के लिए कह दिया कि बांग्लादेश ‘एक चीन नीति’ का समर्थन करता है लेकिन वांग यी ने अपनी जेब जरा भी ढीली नहीं की.

अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाने और विदेशी माल खरीदने के लिए हसीना सरकार ने तेल पर 50 प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया है. रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के दाम कम से कम 10 प्रतिशत बढ़ गए हैं. लोगों की आमदनी काफी घट गई है. कोरोना की महामारी ने बांग्लादेश के विदेश व्यापार को भी धक्का पहुंचाया है. बांग्ला टका यानी रुपए का दाम 20 प्रतिशत गिर गया है. इस देश में 16-17 करोड़ लोग रहते हैं लेकिन टैक्स भरने वाले की संख्या सिर्फ 23 लाख है. इस साल तो वह और भी घटेगी. 

अभी तक ऐसा लग रहा था कि पूरे दक्षिण एशिया में भारत के अलावा बांग्लादेश ही आर्थिक संकट से बचा है लेकिन अब वहां भी श्रीलंका की तरह जनता ने बगावत का झंडा थाम लिया है. ढाका के अलावा कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इसमें शक नहीं कि विरोधी नेता इन प्रदर्शनों को खूब हवा दे रहे हैं लेकिन असलियत यह है कि श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह बांग्ला जनता भी अपने ही दम पर अपना गुस्सा प्रकट कर रही है. 

शेख हसीना की सही सहायता इस समय भारत ही कर सकता है. भारत के पास विदेशी मुद्रा कोष पर्याप्त मात्रा में है. वह चाहे तो पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश को अराजकता की हालत से बचा सकता है.

Web Title: After Pakistan, now economic crisis in Bangladesh, hope from India for help

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे