राजिंदर सिंह महाराज का ब्लॉग: सोच-समझकर मित्र बनाएं, जो सही पथ पर बढ़ने में मदद करे
By राजिंदर सिंह महाराज | Published: August 4, 2019 01:49 PM2019-08-04T13:49:02+5:302019-08-04T13:49:02+5:30
अगर हम धावक बनना चाहते हैं तो हमें धावकों के साथ समय बिताना चाहिए. इस प्रकार हम उनके जैसा जीवन बिताने को प्रेरित होंगे. अगर हम लेखक बनना चाहते हैं तो हमें लेखकों की संगति में रहना चाहिए और उस कला का अनुसरण करने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए.
कहा गया है कि कोई इंसान अपनी संगति से जाना जाता है. अगर हम अमीर बनना चाहते हैं तो हमें धनवान लोगों की सोहबत करनी चाहिए. ऐसा करके हम उनके जैसे सोचने और उनके जैसे कार्य करने लगेंगे और हो सकता है, हम भी अमीर हो जाएं. अगर हम धावक बनना चाहते हैं तो हमें धावकों के साथ समय बिताना चाहिए. इस प्रकार हम उनके जैसा जीवन बिताने को प्रेरित होंगे. अगर हम लेखक बनना चाहते हैं तो हमें लेखकों की संगति में रहना चाहिए और उस कला का अनुसरण करने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए.
इसी प्रकार अगर हम आध्यात्मिक रूप से विकसित होना चाहते हैं तो हमें ऐसे लोगों की संगति में रहना चाहिए जो स्वयं आध्यात्मिक रूप से विकसित हो चुके हैं. ऐसे लोगों के बीच में हम आत्मा-परमात्मा के सोच-विचार में अधिक समय व्यतीत करेंगे, आध्यात्मिक विषयों पर बातचीत करेंगे और आध्यात्मिक अभ्यासों में समय बिताएंगे. अगर हम किसी ऐसे के साथ समय व्यतीत करेंगे, जो ध्यान-अभ्यास करता हो, तो हो सकता है हम भी ध्यान-अभ्यास करने लगें. अगर हम उन लोगों की संगति में रहेंगे जो सदाचारी जीवन और सद्गुणों को महत्व देते हैं तो हम पाएंगे कि हम भी वैसा ही करने लग गए हैं.
हम अपनी संगति पर ध्यान दें. क्या हम ऐसे मित्र चुनते हैं जो कि हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए हमें गलत विकल्पों की ओर ले जाते हैं या हम ऐसे दोस्त चुनते हैं जो हमें आध्यात्मिक जीवन जीने में मदद करते हैं? जब हम गर्म होना चाहते हैं तो हम आग के पास बैठते हैं. जब हम ठंडा होना चाहते हैं तो वातानुकूलक या बर्फ की सिल्ली के पास बैठते हैं. जब हम आध्यात्मिक जीवन जीना चाहते हैं तो हम आध्यात्मिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति ढूंढ सकते हैं और उनके साथ समय बिता सकते हैं.
अगर सौभाग्य से हमें किसी ऐसे की संगति मिले जो कि आध्यात्मिक अनुभवों को पा चुका है तो वह संगति और भी अच्छी है. ऐसे व्यक्ति से रूहानियत चारों ओर प्रसारित होती है, जिसके द्वारा हम रूहानी तौर से जाग सकते हैं. ऐसी हस्ती के नजदीक आकर हमारा ध्यान जीवन के आध्यात्मिक मूल्यों की ओर जाता है. वहां का वातावरण सीधे हमारी आत्मा से संपर्क करता है. अगर हम अपने ध्यान-अभ्यास में सुधार चाहते हैं तो हम सोचें कि हम अपना समय कैसे बिताते हैं. अगर समय आध्यात्मिक रूप से जागृत और अध्यात्म में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के साथ बिताते हैं तो हम पाएंगे कि हमारा ध्यान अधिक एकाग्र रहेगा और हमारा ध्यान-अभ्यास अधिक फल देगा. अपनी संगति को समझदारी से चुनने पर हमें आध्यात्मिक पथ पर बढ़ने में मदद मिलेगी.