लाइव न्यूज़ :

क्रिसमस के मूल संदेश को भी समझें, राजिंदर सिंह महाराज का ब्लॉग

By राजिंदर सिंह महाराज | Updated: December 25, 2020 14:29 IST

क्रिसमस के इस पावन त्योहार पर हम ईसा मसीह की शिक्षाओं को अपने जीवन में ढालें. यदि हम सही मायनों में ईसा मसीह के कहे पर चलेंगे तो यकीनन सही मायनों में क्रिसमस मनाएंगे.

Open in App
ठळक मुद्देलोग एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं तथा भेंट व शुभकामनाएं देते हैं.प्रेम जीवन और प्रकाश के नियम की पूर्णता है.क्या हम उनके प्रति उदार तथा सहनशील हैं, जिनके विचार हमसे भिन्न होते हैं?

क्रिसमस का त्योहार विश्वभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ, जिनकी शिक्षाओं के आधार पर ही ईसाई धर्म की शुरुआत हुई. खुशियों के इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं तथा भेंट व शुभकामनाएं देते हैं.

क्रिसमस का त्योहार एक ऐसा अवसर है जब हमें ईसा मसीह (क्राइस्ट) के अर्थ को जानने के लिए विचार करना चाहिए. ईसा मसीह का मूल संदेश प्रेम का संदेश था. प्रभु प्रेम है, हमारी आत्मा उस प्रेम की एक किरण है और प्रेम एक ओर तो प्रभु और मनुष्यों के बीच तथा दूसरी ओर मनुष्यों तथा प्रभु की सृष्टि के बीच एक सूत्र है. प्रेम जीवन और प्रकाश के नियम की पूर्णता है.

आइए, हम सोचें कि क्या हमारे जीवन में यह प्यार झलकता है? क्या हम एक-दूसरे की प्यार से सेवा करते हैं? क्या हम उनके प्रति उदार तथा सहनशील हैं, जिनके विचार हमसे भिन्न होते हैं? क्या हम प्रभु के सभी जीवों से प्यार करते हैं तथा क्या हम सबको अपना समझ कर गले लगाने के लिए तैयार हैं? क्या दलितों के प्रति हम में दया और सहानुभूति है?

क्या हम बीमारों और पीड़ितों के लिए प्रार्थना करते हैं? यदि हम प्यार से नहीं रहते, तो अभी हम प्रभु से काफी दूर हैं तथा धर्म से परे हैं, चाहे हम कितनी ही ऊंची-ऊंची बातें क्यों न करते हों, चाहे हम कितने ही धर्मनिष्ठ हों और चाहे हम अपनी घोषणाओं में कितने ही आडंबरी क्यों न हों. संत के मन में सबके प्रति प्यार होता है.

वे लोगों के रंग, उनके राष्ट्र या उनके धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं बरतते. उनके लिए कोई ऊंचा या नीचा नहीं होता. ईसा ने चाहा था कि उनके शिष्य उनका संदेश सुनें ही नहीं, बल्कि उसके अनुसार जिएं भी. बहुत से लोग सुनते हैं, पर बहुत कम कुछ समझते हैं और इनमें से जो समझते हैं, बहुत ही कम हैं जो इस पर आचरण करते हैं. क्रिसमस के इस पावन त्योहार पर हम ईसा मसीह की शिक्षाओं को अपने जीवन में ढालें. यदि हम सही मायनों में ईसा मसीह के कहे पर चलेंगे तो यकीनन सही मायनों में क्रिसमस मनाएंगे.

टॅग्स :क्रिसमसअमेरिकादिल्लीकोविड-19 इंडियाकोरोना वायरस इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय