पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावः तीन तलाक खत्म हुआ, लेकिन....
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 24, 2020 04:55 PM2020-12-24T16:55:20+5:302020-12-24T16:57:03+5:30
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, बीजेपी सियासी जोड़तोड़ की राजनीति के तहत सत्ता हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है और उसे टीएमसी के कई नेताओं को बीजेपी में शामिल करने में कामयाबी भी मिली है.
केन्द्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक कानून खत्म करके मुस्लिम महिला अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में अच्छा कार्य किया था.
हालांकि, यह बाल विवाह रोकने, विधवा विवाह को सामाजिक मान्यता दिलाने जैसा ही समाज सुधार का कदम है, परन्तु इसका अप्रत्यक्ष सियासी लाभ भी बीजेपी को मिला है. अब तक बीजेपी को मुस्लिम समाज के वोट बहुत कम मिलते रहे हैं, किन्तु इसके बाद बीजेपी के मुस्लिम वोट बढ़े हैं.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, बीजेपी सियासी जोड़तोड़ की राजनीति के तहत सत्ता हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है और उसे टीएमसी के कई नेताओं को बीजेपी में शामिल करने में कामयाबी भी मिली है, लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाले सियासी घटनाक्रम के तहत सुजाता मंडल बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई हैं.
खबर है कि सुजाता मंडल ने भारतीय जनता पार्टी की तीन तलाक उपलब्धि पर सियासी निशाना साधते हुए कहा है कि जिस पार्टी ने तीन तलाक को खत्म किया, वही अब उनके पति सौमित्र खान को उनसे तलाक लेने को उकसा रही है. उल्लेखनीय है कि सुजाता मंडल ने यह बयान अपने पति और बीजेपी नेता सौमित्र खान की तरफ से तलाक का कानूनी नोटिस मिलने के बाद दिया है.
उन्होंने बीजेपी छोड़ते हुए कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने पति सौमित्र खान की जीत के लिए कई जोखिम उठाने के बावजूद उन्हें वाजिब पहचान नहीं मिल पाई है. सौमित्र खान बिष्णुपुर से बीजेपी सांसद हैं. खबरों पर भरोसा करें तो पति के साथ अपने रिश्ते में समस्याओं के प्रश्न पर सुजाता का कहना था कि जब राजनीति आपके निजी जीवन में घुस जाए तो यह रिश्ते के लिए खराब होता है.
सौमित्र बीजेपी के बुरे लोगों की संगत में हैं, जो उन्हें मेरे खिलाफ उकसाने की कोशिश कर रहे हैं. तीन तलाक खत्म करने वाली पार्टी आज सौमित्र को मुझसे तलाक लेने के लिए उकसा रही है. यही नहीं, बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल होने के सवाल पर मंडल का कहना था कि मैंने सुरक्षा और सम्मान के लिए बीजेपी छोड़ टीएमसी का हाथ थामा है.
बीजेपी पर आक्रामक सुजाता मंडल का कहना था कि- मुझे नहीं पता तलाक का नोटिस कैसे मिला? मेरे पति, जो बीजेपी सांसद और उसके युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं, ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तलाक की घोषणा की, जबकि यह वही पार्टी है जो तीन तलाक के खिलाफ थी और उस पार्टी का सांसद मुझे सिर्फ इसलिए तलाक दे रहा है क्योंकि मैं दूसरी पार्टी में शामिल हो गई.
सुजाता मंडल का दावा है कि- मैं आज भी सौमित्र से प्यार करती हूं और उन्हें अपना पति मानती हूं. मैं अभी भी उनके नाम का सिंदूर लगाती हूं. पार्टी के दबाव और पार्टी के प्रति वफादारी दिखाने के लिए वह मेरे साथ दस साल पुराना रिश्ता खत्म कर रहे हैं. हमारा प्रेम विवाह हुआ था और यह एक दिन में कैसे खत्म हो सकता है.
बहरहाल, पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में जो सियासी संग्राम नजर आ रहा है उसमें सियासी जोड़तोड़ और सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, किन्तु इस बार आक्रामक राजनीति के सियासी सेनापति अमित शाह का मुकाबला ममता बनर्जी से है, जो स्वयं भी इस तरह की पाॅलिटिक्स की एक्सपर्ट हैं, लिहाजा चुनावी नतीजों का ऊँट किस करवट बैठेगा, यह जानना आसान नहीं है!