BLOG: बेजोड़ नेता थे वाजपेयी जी

By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 18, 2018 11:10 AM2018-08-18T11:10:04+5:302018-08-18T11:10:04+5:30

अटलजी के निधन पर मैं क्या लिखूं, कैसे लिखूं ? अटलजी से मेरा 50-55 साल का संबंध रहा है। वे जब भी इंदौर आते, हमारे घर उनका भोजन पहले से तय होता।

Was unmatched leader Vajpayeeji | BLOG: बेजोड़ नेता थे वाजपेयी जी

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अटलजी के निधन पर मैं क्या लिखूं, कैसे लिखूं ? अटलजी से मेरा 50-55 साल का संबंध रहा है। वे जब भी इंदौर आते, हमारे घर उनका भोजन पहले से तय होता। मेरे पिताजी और अटलजी, दोनों ही जनसंघ के प्रारंभिक कार्यकर्ता थे। मैं 1965 में पीएच।डी। करने के लिए दिल्ली आ गया और तब से अब तक अटलजी से आत्मीय घनिष्ठता ज्यों की त्यों बनी रही।

वे मेरी शादी (1970) में देश के अन्य नेताओं के साथ बड़े सम्माननीय बाराती रहे। विदेश मंत्नी के तौर पर अटलजी ने मुङो राजदूत पद लेने को कहा, इंदौर से कई बार मुङो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया लेकिन मैंने, अब से 61 साल पहले जब मुङो पहली बार जेल हुई थी, संकल्प कर लिया था कि मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होऊंगा। 

आज मुङो अटलजी से संबंधित सैकड़ों संस्मरण याद आ रहे हैं। उन पर कभी और लिखूंगा। लेकिन आज तो मैं यही कहना चाहूंगा कि अटलजी देश के चार बड़े प्रधानमंत्रियों में गिने जाएंगे- नेहरूजी, इंदिराजी, नरसिंहरावजी और अटलजी। अटलजी ने परमाणु-विस्फोट कर भारतीय संप्रभुता का विश्वनाद किया। उन्होंने विरोधी नेता के रूप में देश के जितने करोड़ों लोगों को अपने रोचक भाषणों से संबोधित किया, देश के किसी अन्य नेता ने नहीं किया।

वे सच्चे हिंदुत्ववादी थे। वे संकीर्ण और सांप्रदायिक बिल्कुल नहीं थे। उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष के नाते 1980 में ‘गांधीवादी समाजवाद’ का नारा दिया था।  उन्होंने कारगिल का युद्ध जमकर लड़ा लेकिन पाकिस्तान से संबंध-सुधारने की भरपूर कोशिश की। उनके निधन पर पड़ोसी देशों ने जैसा शोक-व्यक्त किया है, शायद किसी भी प्रधानमंत्नी के लिए नहीं किया है। वे भारत के अनुपम नेता थे।

Web Title: Was unmatched leader Vajpayeeji

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