किसान आंदोलनः 2 अक्टूबर तक जय किसान, उसके बाद जय जवान भी शामिल होगा!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 6, 2021 08:18 PM2021-02-06T20:18:25+5:302021-02-06T20:18:25+5:30
किसान नेता टिकैत का साफ कहना है कि या तो सरकार बिल वापस ले ले, एमएमसपी पर कानून बना दे, नहीं तो ये आंदोलन जारी रहेगा और हम देश में यात्रा करेंगे।
किसान नेताओं को ठीक से समझ में आ गया है कि किसान आंदोलन का अंत जल्दी नहीं होगा, क्योंकि केन्द्र सरकार आसानी से कृषि कानून समाप्त नहीं करेगी।यही वजह है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को 2 अक्टूबर 2021 तक कृषि कानून वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है। शनिवार, 6 फरवरी 2021 को चक्का जाम के बाददिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत का कहना था कि हम सरकार के साथ किसी दबाव में बातचीत नहीं करेंगे, जब प्लैटफॉर्म बराबरी का होगा, तब बातचीत होगी।
उनका यह भी कहना था कि हमने कानून वापस लेने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर 2021 तक का टाइम दिया है। इसके बाद हम आगे की योजना बनाएंगे। इसलिए, या तो सरकार हमारी बात सुन ले, नहीं तो अगला आंदोलन ये होगा कि जिसका बच्चा फौज -पुलिस में होगा, उसका परिवार यहां रहेगा और उसका पिता उसकी तस्वीर लेकर यहां पर बैठेगा। कब तस्वीर लेकर आनी है, ये भी मैं बता दूंगा। सरकार के साथ हम किसी भी दबाव में बात नहीं करेंगे, मतलब- 2 अक्टूबर तक जय किसान आंदोलन चलेगा और इसके बाद जय जवान, जय किसान आंदोलन शुरू होगा।
उल्लेखनीय है कि इस वक्त जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर किसान परिवारों के सदस्य सेना और पुलिस में हैं तथा सेवानिवृत्त कई जवान तो पहले से आंदोलन में शामिल हैं, लिहाजा यदि किसान आंदोलन में जवान परिवारों की एंट्री होती है, तो केन्द्र सरकार की सियासी समस्या गंभीर हो जाएगी।
आंदोलन जितना लंबा चलेगा, सत्ताधारी दल को भविष्य में उतना ही नुकसान होगा, अतः जितना जल्दी हो सरकार को आंदोलन को तोड़ने की कोशिशों के बजाय, समाधान करने की रणनीति पर काम करना होगा। पूरे देश में आंदोलन होगा। हमारा गैर राजनीतिक आंदोलन पूरे देश में होगा। फिर में यह मत कहिएगा कि कैसा आंदोलन है?