संपादकीय: नेता अपने आचरण का विशेष ध्यान रखें

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 27, 2020 05:11 AM2020-05-27T05:11:13+5:302020-05-27T05:11:13+5:30

सोमवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने मीडिया से साफ कह दिया कि मैं मंत्री हूं, मैं कैसे क्वारंटाइन रह सकता हूं.

Editorial: Leaders should take special care of their conduct | संपादकीय: नेता अपने आचरण का विशेष ध्यान रखें

सांकेतिक तस्वीर

एक तरफ जहां पूरे देश में कोविड-19 से बचाव को लेकर क्वारंटाइन, सामाजिक दूरी जैसे नियमों पर जोर दिया जा रहा है, लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ खास लोग इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. इसे सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि अक्षम्य अपराध माना जाना चाहिए.

हाल ही में भाजपा के एक नहीं बल्कि दो-दो नेताओं ने पार्टी की फजीहत करवाई. सोमवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने मीडिया से साफ कह दिया कि मैं मंत्री हूं, मैं कैसे क्वारंटाइन रह सकता हूं.

वे हवाई यात्र करके दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचे थे और नियमों के मुताबिक उन्हें सात दिनों के लिए क्वारंटाइन होना चाहिए था. वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी रविवार को लॉकडाउन के बावजूद हरियाणा के सोनीपत जिले के शेखपुरा गांव में क्रिकेट खेलते नजर आए.

विवाद बढ़ने पर उन्होंने भी अपने बचाव में कहा कि किसी गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं किया है. सवाल यह है कि जिन नियमों के पालन की अपेक्षा आम नागरिकों से की जाती है, जनता का नेतृत्व करने वाले उन नियमों से खुद को ऊपर क्यों समझ लेते हैं? उन्हें जनता के सामने आदर्श उदाहरण रखना चाहिए लेकिन वे कैसी मिसाल पेश कर रहे हैं? महामारी क्या आम और खास में फर्क कर रही है?

सवाल सिर्फ एक-दो नेताओं या मंत्रियों का नहीं है. हाल ही में इंदौर के सांवेर विधानसभा से उपचुनाव की तैयारियों के दौरान भाजपा के तमाम दिग्गज इकट्ठा होकर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते नजर आए. तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में लॉकडाउन का उल्लंघन करते दिखे.

उनके स्वागत के लिए उमड़े हुजूम में कार्यकर्ताओं के चेहरे पर मास्क नहीं था. यूपी में एक कांग्रेस नेता समेत कई कार्यकर्ताओं पर लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर भी दर्ज की गई. सवाल किसी पार्टी विशेष का नहीं है.

नेता चाहे जिस पार्टी के हों, उनका दायित्व जनता से बहुत बड़ा होता है. उन पर जनता को दिशा दिखाने की जिम्मेदारी होती है. इसलिए उन्हें अपने आचरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए और अगर वे नियमों के उल्लंघन के दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

Web Title: Editorial: Leaders should take special care of their conduct

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