शशिधर खान का ब्लॉग: भारत-श्रीलंका के रिश्तों में आएगी नई गर्मजोशी?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 28, 2019 07:25 AM2019-11-28T07:25:12+5:302019-11-28T07:25:12+5:30

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में उनका भारत से कैसा रिश्ता रहेगा इसके आकलन के लिए उनके अगले कदम का इंतजार तो करना होगा

Will India Sri Lanka relationship become stronger with visit of Gotabaya Rajapaksa | शशिधर खान का ब्लॉग: भारत-श्रीलंका के रिश्तों में आएगी नई गर्मजोशी?

गोटबाया राजपक्षे की यात्रा से भारत-श्रीलंका के रिश्ते में आएगी नई गर्मजोशी?

शशिधर खान 

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा अपने पहले विदेशी दौरे पर भारत आ रहे हैं. राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई उन्हें सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी. शपथ ग्रहण के अगले दिन 19 नवंबर को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा से मिलने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर कोलंबो पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निमंत्रण पत्र राजपक्षा को दिया. 

जयशंकर के साथ श्रीलंका में भारत के हाई कमिश्नर चरनजीत सिंह संधू भी थे. गोटाबाया ने नरेंद्र मोदी का न्योता स्वीकार कर लिया और 29 नवंबर को भारत आने का प्रोग्राम बना लिया. 

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में उनका भारत से कैसा रिश्ता रहेगा इसके आकलन के लिए उनके अगले कदम का इंतजार तो करना होगा. लेकिन जैसे सनसनीखेज वातावरण में राष्ट्रपति चुनाव हुए और पिछले राष्ट्रपति का कार्यकाल गुजरा, उससे भारत-श्रीलंका रिश्ते में सनसनी कम होने की गुंजाइश नहीं लग रही है. 

गोटाबाया राजपक्षा ने मैत्रीपाला सिरिसेना की जगह ली है. सिरिसेना ने भी राष्टÑपति बनने के बाद सबसे पहले भारत आने का प्रोग्राम फरवरी 2015 में बनाया. सिरिसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में महिंदा राजपक्षा को हराया था. महिंदा राजपक्षा के ‘सहयोग’ से मैत्रीपाला सिरिसेना ने यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस नाम से राष्ट्रपति मेलजोल सरकार बनाई. उसके बाद से ही श्रीलंका के अंदरूनी मेलजोल और भारत-श्रीलंका रिश्ते में उथल-पुथल शुरू हो गई. इस सबके सूत्रधार थे महिंदा राजपक्षा जो 2005 से 2014 तक राष्ट्रपति थे.  

महिंदा राजपक्षा मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री मैत्रीपाला सिरिसेना अपने पूरे कार्यकाल (2014-2019) में भारत-श्रीलंका रिश्ता बिगाड़ने और सरकार के अंदर उठापटक मचाने में जुटे रहे. महिंदा राजपक्षा ने भारत को मोहरा बनाया और रिश्ते में सनसनी फैलानेवाली कूटनीतिक चालबाजी में मैत्रीपाला सिरिसेना को भी लपेटे में ले लिया. 

मैत्रीपाला सिरिसेना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अभी नहीं बने. गोटाबाया राजपक्षा ने अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षा के प्रबल प्रतिद्वंद्वी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उम्मीदवार साजित प्रेमदासा को हराया. यूएनपी प्रमुख रानिल विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री थे, जिनसे इस्तीफा दिलवाकर नए राष्ट्रपति ने बड़े भाई को प्रधानमंत्री बनाया.

अब राष्ट्रपति को जल्द से जल्द संसदीय चुनाव कराना है, क्योंकि वर्तमान संसद में बहुमत यूनाइटेड नेशनल पार्टी के साथ है. इसका सबूत रानिल विक्रमसिंघे दो बार दे चुके हैं. उसी के चलते महिंदा राजपक्षा को गत वर्ष दिसंबर में प्रधनंत्री पद से हटना पड़ा. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को अचानक बर्खास्त करके महिंदा राजपक्षा को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था

Web Title: Will India Sri Lanka relationship become stronger with visit of Gotabaya Rajapaksa

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