लाइव न्यूज़ :

भारत में रह रहे अवैध विदेशियों पर भी क्यों न लागू हो ट्रम्प माॅडल!

By शशिधर खान | Updated: February 25, 2025 06:51 IST

विदेशियों के कागजात, पासपोर्ट की जांच पड़ताल जारी है

Open in App

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारतीय प्रवासियों को हाथ-पैर बांधकर बेड़ियों में जकड़कर सैनिक विमान से जबरन वापस भारत भेज रहे थे, उसी समय सुप्रीम कोर्ट में असम में कई वर्षों से बंदी जैसी जिंदगी जी रहे विदेशियों के भविष्य पर सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान 14 फरवरी को जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की सुप्रीम कोर्ट पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की दलील के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति के रवैये की वकालत भी की.

असम के मारिया ट्रांजिट कैंप में ‘डिटेंशन सेंटर’ में रह रहे 270 विदेशियों ने अपने भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. सुप्रीम कोर्ट पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि विदेशियों को अनिश्चित समय तक डिटेंशन में नहीं रखा जा सकता. यह मानवाधिकार के साथ-साथ संविधान की धारा 21 का भी उल्लंघन है, जो उन्हें राहत की गारंटी देता है. सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा, ‘‘उन अवैध प्रवासियों को विमान में बैठाएं और उस देश की राजधानी में उतारें जो उनका देश है.’’

यह बात सुप्रीम कोर्ट जजों ने उस समय कही, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि विदेशी अता-पता के बिना और उस देश से समझौता के बगैर उन प्रवासियों को निर्वासित नहीं किया जा सकता. उसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट पीठ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का उदाहरण दिया, जिनके लिए इतना ही जानना पर्याप्त था कि ये प्रवासी भारतीय हैं.

विमान में जबरन डाला और अमृतसर में लाकर छोड़ दिया. अमेरिकी प्रशासन ने यह पता करने का सिरदर्द मोल नहीं लिया कि वे भारतीय किस-किस राज्य के हैं और भारत सरकार से इस संबंध में कोई समझौता नहीं किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अमेरिका में थे, उस समय भी भारतीय प्रवासियों की पैकिंग जारी थी.  

लगभग 14-15 वर्षों से असम के मारिया ट्रांजिट कैंप में रह रहे ये 270 विदेशी पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने और उसकी वैधता की अवधि बीत जाने के कारण ‘डिटेंशन सेंटर’ में रखे गए हैं. उनमें से कितने इस अपराध की सजा काट चुकने के बावजूद बेरोकटोक घूम-फिर नहीं सकते. विदेशियों के कागजात, पासपोर्ट की जांच पड़ताल जारी है.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि कोई भी विदेशी तभी वापस भेजा जा सकता है, जब उसके पास वैध पासपोर्ट/यात्रा कागजात हो.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को विदेशियों की पहचान करने के लिए समितियां बनाने को कहा है. 1 जनवरी 2011 से पहले और उसके बाद भारत में प्रवेश करनेवाले विदेशियों की पहचान के लिए ये समितियां गठित करने को राज्य सरकारों से कहा गया. लेकिन उन समितियों की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है.

टॅग्स :भारतUSअमेरिकाडोनाल्ड ट्रंपमोदी सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारPetrol Diesel Price Today: संडे मॉर्निंग अपडेट हो गए ईंधन के नए दाम, फटाफट करें चेक

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारत अधिक खबरें

भारतबारिश की कमी से कश्मीर में गंभीर जलसंकट, सारा दारोमदार बर्फ पर टिका

भारतIndiGo Crisis: DGCA ने इंडिगो को भेजा नोटिस, प्लाइट्स कैंसिल का मांगा जवाब

भारतGoa Club fire: नाइट क्लब के ऑनर और मैनेजर के खिलाफ FIR दर्ज, अग्निकांड हादसे की जांच में जुटी पुलिस

भारतजब आग लगी तो ‘डांस फ्लोर’ पर मौजूद थे 100 लोग?, प्रत्यक्षदर्शी बोले- हर कोई एक-दूसरे को बचा रहा था और यहां-वहां कूद रहे थे, वीडियो

भारतडांस फ्लोर पर लगी आग..., कुछ ही पलों में पूरा क्लब आग की लपटों में घिरा, गोवा हादसे के चश्मदीद ने बताया