ब्लॉग: ईडी प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाने पर फिर क्यों बढ़ा विवाद?

By शशिधर खान | Published: November 22, 2022 09:09 AM2022-11-22T09:09:48+5:302022-11-22T09:14:22+5:30

साल 2020 में केंद्र ने एस.के. मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें 2 साल का सेवा विस्तार दिया था. 2021 में जब अध्यादेश जारी करके केंद्र सरकार ने एस.के. मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाया तो मामला सुप्रीम कोर्ट के पास गया.

Why controversy over extension of ED chief's SK Mishra tenure again? | ब्लॉग: ईडी प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाने पर फिर क्यों बढ़ा विवाद?

ईडी प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाने पर फिर बढ़ा विवाद (फाइल फोटो)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी-एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) प्रमुख एस.के. मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार देने के केंद्र सरकार के फैसले पर नया विवाद पैदा हो गया है. यह ऐसे समय में सुप्रीम कोर्ट से निकला है, जब ईडी के कार्यकाल से राजनीतिक विवाद सुर्खियों में है.

विदित हो कि ईडी निदेशक का कार्यकाल पांच वर्ष करने के अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. उसके बावजूद एस.के. मिश्रा का तीसरी बार कार्यकाल इसी हफ्ते बढ़ाया गया है. अगले साल वे इस पद पर पांच साल पूरे कर लेंगे.  

केंद्रीय सतर्कता आयोग एक्ट में दो अध्यादेशों द्वारा संशोधन करके केंद्र सरकार ने 14 नवंबर, 2021 को ईडी निदेशक और सीबीआई निदेशक के लिए पांच साल सेवा विस्तार का प्रावधान कर दिया था. उसके साथ ही इन दोनों प्रमुखों का सीवीसी एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 2 साल का कार्यकाल बढ़कर 5 साल का हो गया. नवंबर, 2021 में केंद्र सरकार ने उस वक्त संशोधन अध्यादेश जारी किया, जब ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा की सेवा समाप्त होने में मात्र तीन दिन शेष रह गए थे.

2020 में केंद्र ने मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें 2 साल का सेवा विस्तार दिया था. 2021 में जब अध्यादेश जारी करके केंद्र सरकार ने एस.के. मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाया तो मामला सुप्रीम कोर्ट के पास गया. इस अध्यादेश की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. शीर्ष कोर्ट ने एस.के. मिश्रा का सेवा विस्तार रद्द तो नहीं किया, मगर केंद्र सरकार से कहा कि 17 नवंबर (2021) से आगे ईडी निदेशक को और सेवा विस्तार नहीं दिया जाए. लेकिन 17 नवंबर की तारीख आने से तीन दिन पहले 14 नवंबर को ही केंद्र ने अध्यादेश लाकर एस. के. मिश्रा के सेवा विस्तार का इंतजाम कर दिया. 

राष्ट्रपति ने 18 नवंबर को अध्यादेश लागू करके मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया. केंद्र सरकार के आदेश के तुरंत बाद याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष कोर्ट के पास गुहार लगाई कि यह मामला जल्द सुनवाई के लिए लिस्टिंग (सूचीबद्ध) किया जाए, क्योंकि सरकार ने फिर से संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ा दिया. सुनवाई कर रही 2 जजों की सुप्रीम पीठ में से एक जस्टिस एस.के. कौल ने अगले ही दिन 18 नवंबर को खुद को अलग करते हुए कहा कि यह मामला मैं नहीं ले सकता, अब इसकी सुनवाई वो पीठ करेगी, जिसका हिस्सा वे नहीं हैं.

अब इसकी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस वाई.वी. चंद्रचूड़ नई पीठ गठित करेंगे. फिर जब सुनवाई शुरू होगी तब पता चलेगा कि शीर्ष कोर्ट की अवहेलना पर जज क्या रुख अपनाते हैं.

Web Title: Why controversy over extension of ED chief's SK Mishra tenure again?

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