ब्लॉग: आखिर क्यों नहीं साकार हो रही है तीस्ता जल वितरण योजना ?

By पंकज चतुर्वेदी | Published: December 20, 2022 11:35 AM2022-12-20T11:35:02+5:302022-12-20T11:35:02+5:30

तीस्ता नदी का 83 फीसदी हिस्सा भारत में और 17 फीसदी हिस्सा बांग्लादेश में है. सिक्किम और उत्तरी बंगाल के छह जिलों के करीब एक करोड़ बाशिंदे खेती, सिंचाई और पेयजल के लिए इस पर निर्भर हैं.

whats Teesta Water Distribution Scheme and why not being implemented? | ब्लॉग: आखिर क्यों नहीं साकार हो रही है तीस्ता जल वितरण योजना ?

क्यों नहीं साकार हो रही है तीस्ता जल वितरण योजना ? (फाइल फोटो)

वैसे तो भारत और बांग्लादेश की सीमाएं कोई 54 नदियों का जल साझा करती हैं लेकिन तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे का मसला हर बार विमर्श में तो आता है, उस पर सहमति नहीं बन पाती.

तीस्ता नदी सिक्किम राज्य के हिमालयी क्षेत्र के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है. फिर प. बंगाल में प्रवेश करती है और बाद में बांग्लादेश में रंगपुर से बहती हुई फुलचोरी में ब्रह्मपुत्र नदी में समाहित हो जाती है. तीस्ता नदी की लंबाई 413 किमी है. यह नदी सिक्किम में 150 किमी, प. बंगाल में 142 किमी और फिर बांग्लादेश में 120 किमी बहती है. 

तीस्ता नदी का 83 फीसदी हिस्सा भारत में और 17 फीसदी हिस्सा बांग्लादेश में है. सिक्किम और उत्तरी बंगाल के छह जिलों के करीब एक करोड़ बाशिंदे खेती, सिंचाई और पेयजल के लिए इस पर निर्भर हैं. ठीक यही हाल बांग्लादेश का भी है. चूंकि 1947 के बंटवारे के समय नदी का जलग्रहण क्षेत्र भारत के हिस्से में आया था, सो इसके पानी का वितरण बीते 75 साल से अनसुलझा है. 
सन् 1972 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना और उसी साल दोनों देशों ने साझा नदियों के जल वितरण पर सहमति के लिए ‘संयुक्त जल आयोग’ का गठन किया. आयोग की पहली रिपोर्ट 1983 में आई, जिसके मुताबिक सन् 1983 में भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी को लेकर एक समझौता हुआ. इसके तहत 39 प्रतिशत जल भारत को और बांग्लादेश को 36 प्रतिशत जल मिलना तय हुआ. 25 प्रतिशत जल को यूं ही रहने दिया गया और बाद में भारत इसका इस्तेमाल करने लगा. 

इस पर बांग्लादेश को आपत्ति रही लेकिन उसने भी सन्‌ 1998 में अपने यहां तीस्ता नदी पर एक बांध बना लिया और भारत से अधिक पानी की मांग करने लगा. ठीक उसी समय भारत ने जलपाईगुड़ी जिले के मालबाजार उपखंड में नीलफामारी में तीस्ता नदी गजलडोबा बांध बना लिया. इससे तीस्ता नदी का नियंत्रण भारत के हाथ में चला गया. बांध में 54 गेट हैं जो तीस्ता की मुख्य धारा से पानी को विभिन्न क्षेत्रों में मोड़ने के लिए हैं. बांध मुख्य रूप से तीस्ता के पानी को तीस्ता-महानंदा नहर में मोड़ने के लिए बनाया गया था. 

सितंबर 2011 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब ढाका गए तो तीस्ता जल बंटवारा समझौता होना तय हुआ था. मसौदे के मुताबिक अंतरिम समझौते की अवधि 15 वर्ष थी और तीस्ता के 42.5 फीसदी पानी पर भारत का और 37.5 फीसदी पर बांग्लादेश का हक होना था. उस समय प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया और समझौता हो नहीं पाया. तीस्ता जल बंटवारा समझौता अब समय की मांग है. लेकिन स्थानीय राजनीति के जंजाल में यह मामला फंसा हुआ है.

Web Title: whats Teesta Water Distribution Scheme and why not being implemented?

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