वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉग: मानवरहित क्रासिंग खत्म कराकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया बड़ा काम

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 18, 2018 05:13 PM2018-09-18T17:13:56+5:302018-09-18T17:13:56+5:30

पिछले दस साल में 1200 से ज्यादा लोग ऐसे खुले रेलवे क्रॉसिंग पर मारे जा चुके हैं। यह सिलसिला अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है।

what is the reason for train accident in India and how its slove | वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉग: मानवरहित क्रासिंग खत्म कराकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया बड़ा काम

वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉग: मानवरहित क्रासिंग खत्म कराकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया बड़ा काम

कभी-कभी कोई एक घटना या दुर्घटना किसी बड़े सुधार का कारण बन जाती है, जैसे कि अप्रैल में कुशीनगर में हुई रेल दुर्घटना।

उत्तर प्रदेश के इस स्थान पर रेलवे-क्रॉसिंग वैसा ही खुला पड़ा था, जैसे कि देश के अन्य साढ़े तीन हजार क्रॉसिंग पड़े रहते थे। वहां बच्चों की स्कूल बस पर दौड़ती हुई रेलगाड़ी चढ़ गई और 13 बच्चे मर गए। 

ऐसा पहली बार नहीं हुआ था। कई बार हुआ है। हर साल दर्जनों लोग मारे जाते हैं। पिछले दस साल में 1200 से ज्यादा लोग ऐसे खुले रेलवे क्रॉसिंग पर मारे जा चुके हैं।

यह सिलसिला अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। अंग्रेजों ने रेल अपने फायदे के लिए बनाई थी। भारतीय बगावत को दबाने के लिए एक कोने से दूसरे कोने तक रेल चलाना जरूरी था।

पुलिस और फौज भिजवाना सबसे जरूरी काम था। मालगाड़ियां चलाना इसलिए जरूरी था कि इंग्लैंड के कारखाने भारत के कच्चे माल से चलाए जाते थे।

100 साल पुरानी रेल

जो सवारियां बड़े शहरों के बीच यात्नाएं करती थीं, उनकी सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता था लेकिन गांवों और कस्बों से गुजरनेवाली रेल की पटरियों, क्रासिंग और स्टेशनों की जो खस्ता हालत डेढ़ सौ साल पहले थी, वह अब तक चली आ रही थी।

उनमें थोड़ा-बहुत सुधार जरूर होता रहा है लेकिन हजारों रेलवे-क्रॉसिंग पर न तो कोई दरवाजे होते हैं, न कोई घंटियां होती हैं और न ही वहां कोई चौकीदार खड़े होते हैं। 

कुशीनगर की दुर्घटना पांच माह पहले हुई थी। इस बीच लगभग तीन हजार क्रॉसिंग पर या तो चौकीदार खड़े कर दिए गए हैं या उनके नीचे से सड़क निकाल दी गई है या उन्हें बंद कर दिया गया है।

यह काम रेल मंत्नी पीयूष गोयल की पहल पर हुआ है। यह सभी मंत्रियों के लिए अनुकरणीय पहल है। ऐसे ही कई जरूरी काम शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्न में किए जाने हैं।

यह पहल सच्ची लोकतांत्रिक पहल तो है ही, मैं इसे पुण्य-कार्य भी मानता हूं। अब से रेलगाड़ी से कट मरनेवालों की संख्या जरूर घटेगी। 

Web Title: what is the reason for train accident in India and how its slove

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