वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: बांग्लादेश से कुछ मामलों में ले सकते हैं सीख

By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 19, 2020 01:19 PM2020-10-19T13:19:50+5:302020-10-19T13:19:50+5:30

कोरोना की महामारी का उल्टा असर तो भारत को पीछे खिसका ही रहा है, भाजपा सरकार की नोटबंदी जैसी अन्य कई भूलें भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. इसमें शक नहीं है कि पिछले छह वर्षो में भारत की अर्थव्यवस्था ने कई छलांगें भरी हैं और वह पड़ोसी देशों के मुकाबले काफी आगे रही है लेकिन आज बांग्लादेश कई मामलों में हमसे कहीं आगे है.

Vedapratap Vedic blog: learn from Bangladesh in some cases | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: बांग्लादेश से कुछ मामलों में ले सकते हैं सीख

बांग्लादेश के कपड़े सारी दुनिया में गर्म पकौड़े की तरह बिकते हैं.

 हम भारतीय लोग अपने पड़ोसी देशों के बारे में सोचते हैं कि वे हम से बहुत पिछड़े हुए हैं. हमसे क्षेत्नफल और जनसंख्या में तो वे छोटे हैं ही लेकिन वे शिक्षा, चिकित्सा, भोजन, विदेश-व्यापार आदि के मामलों में भी भारत की तुलना में बहुत पीछे हैं.

खासतौर से बांग्लादेश के बारे में तो यह राय सारे देश में फैली हुई है, क्योंकि बांग्लादेशी मजदूरों को तो भारत के कोने-कोने में देखा जा सकता है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की ताजा रपट तो हमारे सामने दूसरा नक्शा पेश कर रही है. उसके अनुसार इस वर्ष बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति समग्र उत्पाद भारत से थोड़ा ज्यादा है. 2020-21 में बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति समग्र उत्पाद 1888 डॉलर होगा जबकि भारत का 1877 डॉलर रहेगा. पिछले कुछ वर्षो में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था निरंतर आगे बढ़ती रही है. 2019 में वह 8.2 प्रतिशत बढ़ी थी. इस वर्ष भी बांग्ला अर्थव्यवस्था 3.8 प्रतिशत बढ़ेगी जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था 10.3 प्रतिशत घटेगी.

कोरोना की महामारी का उल्टा असर तो भारत को पीछे खिसका ही रहा है, भाजपा सरकार की नोटबंदी जैसी अन्य कई भूलें भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. इसमें शक नहीं है कि पिछले छह वर्षो में भारत की अर्थव्यवस्था ने कई छलांगें भरी हैं और वह पड़ोसी देशों के मुकाबले काफी आगे रही है लेकिन आज बांग्लादेश कई मामलों में हमसे कहीं आगे है. जैसे बांग्लादेशी नागरिकों की औसत आयु भारतीयों से 3 वर्ष ज्यादा है. जनसंख्या वृद्धि के लिए मुसलमानों को बदनाम किया जाता है लेकिन बांग्लादेश में जन्म-दर की रफ्तार सिर्फ 2 है जबकि भारत में वह 2.2 है.

इसी तरह कई अन्य मामलों में बांग्लादेश हमसे आगे है. बांग्लादेश की इस प्रगति से ईष्र्या करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था उससे लगभग 11 गुना बड़ी है लेकिन उससे हमें कुछ सीखने की जरूरत जरूर है. बांग्लादेश ने अभी-अभी बलात्कार के लिए मृत्युदंड का कानून बनाया है. वह आतंकियों के साथ भी काफी सख्ती से पेश आता है. बांग्लादेशी लोग बेहद मेहनतकश हैं. वहां हमारे समाज की कमजोरियां कम ही हैं. वहां के लोग जातिवाद से उतने ग्रस्त नहीं हैं, जितने हम हैं. बौद्धिक कामों के मुकाबले वहां शारीरिक कामों को एकदम घटिया नहीं माना जाता.

बांग्लादेश के कपड़े सारी दुनिया में गर्म पकौड़े की तरह बिकते हैं. ढाका की मलमल सारी दुनिया में
प्रसिद्ध हुआ करती थी. भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध अन्य पड़ोसी देशों के मुकाबले ज्यादा अच्छे हैं लेकिन चीन भी वहां हर क्षेत्न में घुसपैठ की पूरी कोशिश कर रहा है. बांग्लादेश की प्रगति से सबसे ज्यादा सबक पाकिस्तान को लेना चाहिए, जिसका वह 1971 तक मालिक था.

Web Title: Vedapratap Vedic blog: learn from Bangladesh in some cases

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