वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: चीन के चौके पर छक्का लगे

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 29, 2019 07:17 AM2019-04-29T07:17:52+5:302019-04-29T07:17:52+5:30

भारत को सम्मेलन में भाग लेना चाहिए था और अपने दृष्टिकोण को सारे राष्ट्रों के सामने रखना चाहिए था। हो सकता है कि चीन इससे सहमत नहीं होता लेकिन दूसरे क्षेत्नों में चीन के साथ सहयोग के नए आयाम खुल सकते थे। अब क्या हो रहा है?

Ved Pratap Vaidik's blog: Six hits on china four | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: चीन के चौके पर छक्का लगे

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: चीन के चौके पर छक्का लगे

चीन ने फिर चौका मारा है। उसकी चीनी महापथ की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना पिछले दिनों कुछ बदनाम होने लगी थी। कुछ राष्ट्रों ने चीनी मदद की कठोर शर्तो पर आपत्ति की थी तो कुछ राष्ट्रों ने उस योजना से अपने आप को अलग करने की घोषणा कर दी थी। लेकिन इस बार चीन ने महापथ के दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एकदम नया पैंतरा मार दिया है। उसने कहा है कि वह अरबों-खरबों रुपये खर्च करके सिर्फ सड़कें बनाने का काम नहीं करेगा। वह चीन से लगाकर यूरोप तक सड़कें, पुल, बांध वगैरह तो बनाएगा ही लेकिन उसके साथ-साथ वह उन सहयोगी देशों की पोस्टल सर्विस, कीटनाशक औषधियों, सांस्कृतिक संपदा की रक्षा, भूकंप-निवारण, कला-संग्रहालयों का निर्माण-जैसे कई रचनात्मक कामों में भी सहयोग करेगा। चीनी विदेश मंत्नालय ने ऐसे 283 मुद्दों की सूची जारी की है, जिनमें वह सक्रि य भागीदारी करेगा। 

भागीदारी का यह बड़ा प्रयोग सबसे पहले उन देशों के साथ होगा, जो भारत के पड़ोसी हैं। भारत ने इस चीनी महापथ सम्मेलन का पिछले साल भी बहिष्कार किया था और इस साल भी किया है। भारत के बहिष्कार का कारण यह है कि चीन पाकिस्तान के उस कश्मीरी हिस्से में भी अपनी सड़क बना रहा है, जिस पर भारत का वैधानिक दावा है। भारत इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। 

मेरी राय शुरू से यह रही है कि भारत को सम्मेलन में भाग लेना चाहिए था और अपने दृष्टिकोण को सारे राष्ट्रों के सामने रखना चाहिए था। हो सकता है कि चीन इससे सहमत नहीं होता लेकिन दूसरे क्षेत्नों में चीन के साथ सहयोग के नए आयाम खुल सकते थे। अब क्या हो रहा है? भारत के अलावा सभी दक्षिण एशियाई देश चीन के साथ हैं। इन देशों के साथ चीन ने 13 द्विपक्षीय व 16 बहुपक्षीय समझौते किए हैं। ये समझौते महापथ-निर्माण से अलग हैं। दूसरे शब्दों में भारत के पूरब और पश्चिम व उत्तर और दक्षिण में अब चीन की चौपड़ जमती जा रही है जबकि यह पहल भारत की तरफ से होनी चाहिए थी। यदि संभव हो तो चीन के साथ सहयोग का कोई रास्ता खुलना चाहिए, वरना पड़ोसी देशों के साथ भारत को चीन से बड़ी पहल करना चाहिए। चौके पर छक्का लगना चाहिए। 

Web Title: Ved Pratap Vaidik's blog: Six hits on china four

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